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    MP Election 2023: सिंधिया पैलेस पर गर्म हैं सियासी मिजाज, लगातार छोड़ रहे वफादारों से असहज हुए राजमहल

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 08:43 AM (IST)

    MP Politcs विधानसभा चुनाव में टिकट का लालच केंद्रीय मत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसेमंदों को भी उनके पाले से छिटका रहा है। शिवपुरी शहर से अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं। वहीं गुना-शिवपुरी से खुद ज्योतिरादित्य सांसद रह चुके हैं। सिंधिया परिवार के चार कट्टर समर्थकों ने कांग्रेस का हाथ थामकर महल से सीधे बगावत की चिंगारी सुलगा दी है।

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    MP Chunav 2023: चुन-चुनकर राजमहल की राजनीति के "कंगूरे" चुरा रही कांग्रेस

    वीरेंद्र तिवारी, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल की राजनीति में अहम महत्व रखने वाला राजमहल (सिंधिया पैलेस) अपने वफादारों के लगातार साथ छोड़ने से असहज है। विधानसभा चुनाव में टिकट का लालच केंद्रीय मत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसेमंदों को भी उनके पाले से छिटका रहा है।

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    राजमहल के भरोसेमंदों में कांग्रेस ने शिवपुरी जिले के प्रभावशाली नेताओ के जरिए सेंध लगा दी है। कह सकते हैं कि कांग्रेस चुन-चुन कर राजमहल के ‘कंगूरे’ झटक रही है। शिवपुरी शहर से अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं।

    वहीं गुना-शिवपुरी से खुद ज्योतिरादित्य सांसद रह चुके हैं। सिंधिया परिवार के चार कट्टर समर्थकों ने कांग्रेस का हाथ थामकर महल से सीधे बगावत की चिंगारी सुलगा दी है।

    टिकट की चाह में सिंधिया परिवार के विश्वासपात्र महल की राजनीति को बोल रहे अलविदा दो माह में गिरे चार विकेट

    शिष्य-शिष्य न रहे... सांसद केपी यादव और कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी मूल रूप से न सिर्फ कांग्रेसी हैं बल्कि इन दोनों के राजनीतिक गुरु सिंधिया ही हैं। दोनों ने पिछले चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जाते भी।

    अब जब सिंधिया खुद ही भाजपा में आ गए हैं तो इन दोनों को फिर अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है लिहाजा इनके द्वारा महल का खुला विरोध किया जा रहा है।

    सांसद केपी यादव,मंत्री यशोधरा राजे या खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया

    हर कार्यक्रम में दिखाई देती है अलग भाजपा शिवपुरी में सांसद केपी यादव, यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए लोगों की भाजपा में फर्क साफ दिखाई दे रहा है। राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यक्रमों में कौन-कौन से नेताओं के चेहरे दिखाई देंगे यह इस बात पर निर्भर रहता है कि उपरोक्त कार्यक्रम में कौन आ रहा है। सांसद केपी यादव,मंत्री यशोधरा राजे या खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया। कोलारस में तो भाजपा नेताओं की लड़ाई सड़क पर होती है खुल्लम खुल्ला।

    बैजनाथ सिंह यादव: शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र के पुराने एवं यादव समाज के बड़े नेताओं में शामिल हैं। इन्हें कोलारस से कांग्रेस टिकट दे सकती है। पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष थीं एवं खुद जिलाध्यक्ष रहे हैं। सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।

    राकेश गुप्ता: शिवपुरी के ही हैं। इनके पिता सांवलदास गुप्ता तीन बार नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। पूरा परिवार राजमहल का कट्टर समर्थक व कांग्रेसी था लेकिन सिंधिया के साथ राकेश भाजपा में चले गए थे। इन्हें जिला उपाध्यक्ष बनाया गया था।

    रघुराज धाकड़: ग्रामीण पृष्ठभूमि के रघुराज कोलारस विधानसभा सीट के नेता हैं। किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि रह चुके हैं। गुना शिवपुरी लोकसभा चुनाव में सिंधिया की प्रचार टीम के अहम सदस्य होते थे।

    जितेंद्र जैन गोटू: इनका साथ छोड़ना जितना सिंधिया परिवार या यशोधरा राजे के लिए झटका है उससे बड़ा झटका भाजपा के लिए है। तीस सालों से भाजपा के साथ हैं। भाई विधायक रह चुके हैं। खुद का जनाधार भी है।