मुरैना महापौर की जनसुनवाई में रिश्वतखोरी का लाइव खुलासा, फिर भी कार्रवाई नहीं, आठ दिन बाद जांच समिति की तैयारी
मुरैना नगर निगम की जनसुनवाई में एक युवक ने महापौर के सामने रिश्वतखोरी का खुलासा किया। वीडियो में कर्मचारी भवन निर्माण की अनुमति के लिए रिश्वत मांगता दिखा। आठ दिन तक कार्रवाई न होने पर पूर्व पार्षद ने हंगामा किया, जिसके बाद जांच समिति गठित करने की तैयारी शुरू हुई। पार्षदों ने आयुक्त को चश्मा भेंट किया, ताकि उन्हें भ्रष्टाचार दिखाई दे।

महापौर शारदा सोलंकी के समक्ष फोन पर निगम कर्मचारी से रिश्वत को लेकर बातचीत करता युवक। - वीडियोग्रेब
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मुरैना नगर निगम में 11 नवंबर को हुई जनसुनवाई के दौरान एक युवक ने महापौर शारदा सोलंकी के सामने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की लाइव पोल खोली थी। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है। वीडियो में सूरज राठौर नाम के इस युवक ने महापौर और अधिकारियों के सामने नगर निगम कर्मचारी को फोन कर भवन निर्माण की अनुमति को लेकर बात करता है। इस पर कथित निगम कर्मचारी भी कागजों (दस्तावेजों) की पीडीएफ बनाकर डालने और तीन हजार रुपये फोन-पे करने को कहता है।
इस पूरे मामले में आठ दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व पार्षद ने मंगलवार को हंगामा किया, जिसके बाद जांच समिति गठित करने की तैयारी शुरू की गई है।
हर स्तर पर रिश्वतखोरी
वीडियो में सूरज पूछता है कि किसके कितने और लगेंगे। कर्मचारी कहता है कि उस दिन बताया तो है। सूरज राठौर पूछता है कि केके शर्मा के 10 हजार से कम नहीं होंगे और चार हजार किसे देने हैं। जवाब मिला कि फोटो करने वाले भानू तोमर को देने हैं। एक हजार अजय परिहार को भी देने पड़ेंगे। सूरज बोला-ये 18 हजार तो रिश्वत के हैं न, रसीद के पैसे तो अलग से देने होंगे। जवाब हां में मिलता है। इस घटनाक्रम के बाद महापौर और अधिकारी बगलें झांकने लगे।
सूत्रों की मानें तो जिस केके शर्मा के नाम पर 10 हजार रुपए मांगे गए, वह जनसुनवाई के दौरान महापौर के पास ही बैठा था। मामले में निगम आयुक्त सत्येंद्र धाकरे कहते हैं कि शिकायतकर्ता का इससे पहले कोई आवेदन नहीं आया। न अन्य माध्यम से शिकायत की। केके शर्मा को नोटिस दिया है, जांच के लिए समिति बनाई जा रही है।
पूर्व पार्षदों ने आयुक्त को भेंट किया चश्मा
नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व पार्षद ने आयुक्त सत्येंद्र धाकरे को फलों से भरी थाली और चश्मा सौंपा। कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार नजर नहीं आता। पूर्व पार्षद दिलीप सिंह राठौर, गौरव यादव, रामोतार नेगी, लोकेंद्र यादव, बबलू शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार की शिकायतें कई बार किया है, सुनवाई नहीं होती। इस पर आयुक्त ने झल्लाते हुए उन्हें भला-बुरा सुना दिया। कांग्रेस नेता राजेश राठौर, रहीस खान, निरंजन राठौर, रामधन राठौर, रामबाबू प्रजापति भी मौजूद रहे।

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