मुरैना में डाक विभाग में पदस्थ हरियाणा के युवक ने लगाई फांसी, भाई बोला-अधिकारी करता था प्रताड़ित
मुरैना के प्रधान डाकघर में हरियाणा के डाकिया प्रिंस वशिष्ठ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें काम के दबाव का उल्लेख ह ...और पढ़ें

डाककर्मी ने लगाई फांसी (इनसेट- मृतक प्रिंस वशिष्ठ)
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मुरैना में प्रधान डाकघर में पदस्थ हरियाणा निवासी डाकिया प्रिंस वशिष्ठ ने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार सुबह 10 बजे पुलिस ने उसका शव बरामद किया है। पुलिस को मृतक के कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें काम का दबाव और टार्गेट पूरा न होने की बात लिखी है।
चचेरे भाई ने लगाए गंभीर आरोप
सुसाइड नोट अंग्रेजी में है उसमें यह भी लिखा है कि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए। वह होश-हवास में फांसी लगाने का निर्णय ले रहा है। चचेरे भाई कलम सिंह पंडित का कहना है कि अधिकारी उसे एक महीने से प्रताड़ित कर रहे थे। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। स्टेशन रोड थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एक साल से सेवारत था
प्रिंस वशिष्ठ उम्र 19 साल पुत्र अशोक कुमार हरियाणा के भिवानी जिले के रिठाल गांव का रहने वाला था। पिछले एक साल से अधिक समय से मुरैना के प्रधान डाक घर में सेवाएं दे रहा था।
घर में गमी के बावजूद तुरंत बुलाया
चचेरे भाई कलम के अनुसार एक माह पहले प्रिंस के काका जगवीर सिंह का निधन हो गया था, जिस पर साथी पोस्टमैन को सूचित कर वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने रिठाल चला गया, लेकिन अधिकारी ने अगले ही दिन उसे यह कहकर वापस बुला लिया कि विभाग के बड़े अधिकारी की विजिट है।
नौकरी से हटाने की धमकी, ऐंठे रुपये
बाद में प्रिंस को तेरहवीं के लिए भी छुट्टी नहीं दी गई। एक दिन की गैरहाजिरी को आधार बनाकर उसे नौकरी से हटाने की धमकी देकर 5000 रुपये ऐंठ लिए। प्रिंस परिवार का भरण-पोषण का सहारा था। आरोप है कि ज्वाइनिंग के समय भी अधिकारी ने 25 हजार रुपये लिए थे। इसके लिए उसके पिता को ब्याज पर पैसा लेना पड़ा था।

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