'दिल्ली ब्लास्ट में आपका नाम...' पुलिस अधिकारी बनकर साइबर ठग ने मुरैना के व्यापारी को किया डिजिटल अरेस्ट, बेटी ने बचाया
दिल्ली के लाल किला बम विस्फोट करने वाले आतंकियों का साथी बताकर मुरैना में जूता व्यापारी को साइबर ठग ने घर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की कोशिश की। बेटी न ...और पढ़ें

साइबर ठगी का शिकार होने से बचे मुरैना के प्यापारी रामसेवक शिवहरे अपनी बेटी के साथ।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। दिल्ली के लाल किला बम विस्फोट करने वाले आतंकियों का साथी बताकर मध्य प्रदेश के मुरैना में जूता व्यापारी को साइबर ठग ने उनके घर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की कोशिश की, लेकिन पिता को कमरे में बंद देख उनकी बेटी माजरा भांप गई। उसने पिता को ठगी से बचा लिया। इस बेटी प्रमिला की समझदारी की हर कोई सराहना कर रहा है।
मुरैना शहर में ओवरब्रिज के नीचे मार्केट में जूता-चप्पलों की दुकान चलाने वाले इस्लामपुर निवासी 55 वर्षीय रामसेवक शिवहरे के वाट्सअप पर सुबह साढ़े 11 बजे वीडियो कॉल आया। वह अपनी दुकान पर थे। वीडियो कॉल करने वाला पुलिस अधिकारी की वर्दी में था और बड़ी टेबल व कुर्सी पर बैठा हुआ था, पीछे तिरंगा झंडा लगा था।
उसने स्वयं को लाल किला थाने की क्राइम ब्रांच का अधिकारी अभिषेक वर्मा बताते हुए रामसेवक से कहा कि बीते महीने दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके में तुम्हारा नाम आया है। जो डाक्टर आतंकी पकड़े गए हैं, उन्होंने तुम्हें अपना साथी बताया है। यह सुनकर रामसेवक डर गए।
ठग ने उन्हें घर जाकर कमरे में अकेले में बात करने को कहा। वह दुकान से स्कूटी लेकर घर पहुंचे और दूसरी मंजिल के कमरे में स्वयं को बंद कर लिया। 15 से 20 मिनट हुई बातचीत और आतंकियों पर होने वाली कार्रवाई से बचाने का झांसा देकर साइबर ठग ने उनसे उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड से लेकर बैंक खाते और सालभर की कमाई, परिवार के बारे में सारी जानकारियां पूछ लीं।
बंद कमरे से पिता की घबराने की आवास और फोन पर किसी के द्वारा धमकाने जैसी बातें सुनकर रामसेवक की बेटी प्रमिला ने गेट खटकाया, लेकिन रामसेवक ने गेट नहीं खोला। बेटी और पत्नी ने जबरन गेट खोला तो उनके डिजिटल अरेस्ट होने की बात सामने आई। इसके बाद परिवार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
बेटी बोली- पापा को इतना प्रताड़ित किया, वह सुसाइड कर लेते
रामसेवक की बेटी प्रमिला ने बताया कि सुबह 11 बजे पापा दुकान से घर कभी नहीं आते, मुझे संदेह हुआ। बाहर उनकी स्कूटी खड़ी थी, फिर भी वह काफी देर बाद वापस नहीं गए तो ऊपर के कमरे में जाकर देखा, उन्होंने अंदर से स्वयं को कमरे में बंद कर रखा था। कमरे से उनकी मोबाइल से किसी पर बात करने की आवाज आई। वह डरी हुई आवाज में कह रहे थे- साहब मेरा किसी से कोई लेना नहीं। तब लगा कि कोई बात तो है।
इस पर मम्मी को बताया और बड़ी मुश्किल से गेट खुलवाया। पाप बेहद डरे हुए थे। ठग वीडियो कॉल पर था। हमारी आवाज सुनते ही उसने वीडियो कॉल कट कर दिया। बाद में कई बार वीडियो कॉल किए, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। उसने पापा को इस तरह प्रताड़ित किया कि वह सुसाइड कर लेते।
सतर्क रहें, गतिविधि पर नजर रखें
विशेषज्ञ बताते हैं कि साइबर ठग अपने जाल में फंसाने के लिए लोगों को डराते हैं। यदि आपके परिवार का कोई व्यक्ति डिजिटल अरेस्ट हुआ है तो वह डरा-सहमा होगा। उसकी गतिविधियां और क्रियाकलाप अचानक से बदल जाएंगे। वह किसी से बात करने से बचेगा। अपनों से नजरें चुराएगा। पूरी तरह से साइबर ठग के इशारे में गतिविधियां करते नजर आएगा। यदि आपका कोई स्वजन बैंक से अचानक बड़ी धनराशि निकालता और भेजता है तो भी उस पर नजर रखें। उससे पूछें, वह न बताए तो उसकी छानबीन करें और डिजिटल अरेस्ट के बारे में कन्फर्म करके पुलिस को सूचित करें।

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