भिंड में चंबल किनारे ऊंट सफारी का शुभारंभ, पर्यटकों को मिलेगा ऐतिहासिक स्थलों सहित बीहड़ में सैर का अनूठा अनुभव
भिंड जिले के अटेर में वन विभाग ने चंबल नदी किनारे ऊंट सफारी शुरू की है। 200 रुपये में पर्यटक चंबल के रेत तट पर राइड कर सकते हैं, वहीं 500 रुपये में नद ...और पढ़ें

ऊंट सफारी (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां तेजी से समृद्ध हो रही हैं। इसी सिलसिले में भिंड जिले के अटेर में वन विभाग ने चंबल नदी किनारे ऊंट सफारी का शुभारंभ किया है। पर्यटक 200 रुपये का टिकट लेकर चंबल के रेत तट पर 2 से 2.5 किमी तक की राइड कर सकते हैं। वहीं 500 रुपये के टिकट पर उन्हें ऊंट पर बैठाकर नदी, किला, चामुंडा देवी मंदिर, बीहड़ सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों की सैर कराई जाएगी। यह ट्रैक करीब 10 किमी का है।
विभाग ने चंबल सफारी के लिए सुबह 11 से शाम 4 बजे तक का समय तय किया है। टिकट अटेर स्थित वन विभाग कार्यालय से ऑफलाइन मिल रहे हैं।चंबल क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की इको-टूरिज्म गतिविधियां स्थानीय रोजगार सृजन के साथ संरक्षण की भावना को भी सुदृढ़ करती हैं।
वन विभाग की रेंजर कृतिका शुक्ला ने बताया कि सफारी में स्थानीय व्यंजन सहित अन्य ऐसे रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योजना तैयार की जा रही है। फिलहाल स्थानीय लोगों के 11 ऊंट शामिल किए गए हैं। शुरुआत में अटेर किला, चामुंडा देवी मंदिर और वन्य जीव को दिखाया जा रहा है, लेकिन जल्द ही यहां पर्यटकों के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश की तर्ज पर कैंपिंग शुरू करने और स्थानीय स्तर के व्यंजन शुरू कराए जाने की योजना है।
यहां पर यह बता दें कि अटेर में करीब पांच हजार हेक्टेयर में वनक्षेत्र है। चंबल के बीहड़ से लगी इटावा की लॉइन सफारी देखने के लिए काफी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। इटावा की तरह अटेर में पर्याप्त बीहड़ हैं। यहां भी बड़े पार्क विकसित करके क्षेत्र को समृद्ध बनाया जा सकता है।

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