दिमनी सीट से बीजेपी की उम्मीदों पर खरे उतरे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, क्षेत्र पर रखते हैं तगड़ी पकड़
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती के साथ स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है। BJP एक बार फिर प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाने जा रही है। राज्य की कई VIP सीटों में से एक सीट दिमनी काफी चर्चा में रही। यहां से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं तोमर सभी विरोधियों से काफी आगे चल रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, दिमनी। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है और स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है। अब तक प्राप्त रुझानों और नतीजों में राज्य में बीजेपी एक बार फिर प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाने जा रही है। राज्य की कई वीआईपी सीटों में एक सीट है दिमनी, जो काफी चर्चा में रही। यहां से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव मैदान में उतारा था, जो काफी आगे चल रहे हैं। वहीं, दिमनी से बीएसपी उम्मीदवार ने कांग्रेस के खेल को बिगाड़ दिया है। तो आइए एक नजर में जानते है केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का राजनैतिक सफर।
विधानसभा के चुनावी परिणाम आने के साथ ही स्थिति साफ होती नजर आ रही है, जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 19335 वोटों के साथ बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार बलवीर सिंह दडोतिया दूसरे नंबर पर हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी के रविंद्र सिंह तोमर तीसरे स्थान पर चल रहे हैं।
इतने वोटों से चल रहे आगे
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 70226 वोट हासिल करके बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, बीएसपी उम्मीदवार बलवीर सिंह दडोतिया को 50891 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर को 48798 वोट मिले हैं। अगर वोटों की संख्या देखें तो बीएसपी ने कांग्रेस का खेल खराब किया है। अभी तक के समीकरण देखें तो इस त्रिकोणीय मुकाबले में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जीत की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी सीट से ही क्यों उतारा?
उन्हें पार्टी ने दिमनी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा इसके पीछे का कारण है कि तोमर 2009 से ही केंद्र में हैं और अब पार्टी ने उन्हें वापस प्रदेश में एक्टिव कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों एक केंद्रीय मंत्री को दिमनी सीट से लड़ाया जा रहा है। आखिर दिमनी सीट भाजपा के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
1980 से 2008 तक रहा बीजेपी का दबदबा
दिमनी सीट के इतिहास की बात करें तो 1980 से 2008 तक इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा। लेकिन पिछले दो चुनावों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। साल 2018 में कांग्रेस के गिर्राज दंडोतिया ने जीत दर्ज की थी तो वहीं 2013 के चुनाव में बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया ने बाजी मार ली। भाजपा ने अपने गढ़ में फिर से वापसी करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर जैसे दिग्गज नेता पर दांव खेला है।
नरेंद्र सिंह तोमर का राजनैतिक सफर
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा विकासखंड के ग्राम ओरेठी में जन्मे नरेंद्र सिंह तोमर ने स्नातक तक की शिक्षा हासिल की हुई है। इस दौरान वो महाविद्यालय में छात्र संघ के नेता भी रहे। इसके साथ ही वो ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर भी चुने गए थे। इसके बाद वो पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गए। साल 1977 में उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया।
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ग्वालियर से लड़ा पहला विधानसभा चुनाव
नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना पहला चुनाव ग्वालियर विधानसभा सीट से लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा को 26 हजार 458 वोटों से हराया था। उन्हें इस चुनाव में करीब 50 हजार वोट मिले थे। जबकि जबकि शर्मा को 23 हजार 646 वोट मिले।
34 हजार वोटों से जीता दूसरा चुनाव
नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना दूसरा और अंतिम विधानसभा चुनाव साल 2003 में लड़ा था। उन्हें 63 हजार 592 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बालेन्दु शुक्ला को 29 हजार 452 वोट मिले। तोमर ने यह चुनाव 34 हजार 140 वोटों से जीता था।
इसके बाद उन्होंने अपना लोकसभा चुनाव का सफर तय किया। मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने से पहले वो राज्यसभा के सदस्य थे। इसके बाद साल 2009 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार मुरैना से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए उन्होंने केंद्रीय राजनीति में कदम रखा। पार्टी ने उन्हें मुरैना से टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 97 वोटों से हराया था।
साल 2014 में दिया गया ग्वालियर से टिकट
इसके बाद साल 2014 में उन्हें ग्वालियर से टिकट दिया, जहां उन्होंने 26 हजार 699 वोट से जीत हासिल की। साल 2019 में उन्हें फिर से मुरैना से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 13 हजार 341 वोटों से हराया था।
अब बीजेपी पार्टी ने एक बार फिर विश्वास जताते हुए दिमनी विधानसभा चुनाव पर अपना दांव खेला, जिसके परिणाम आने के साथ ही बीजेपी का ये पैंतरा कारगर होता दिख रहा है।
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