भिंड पुलिस पर हिरासत में बर्बरता का आरोप, पीड़ितों की हालत देख कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट को नकारा, पैनल जांच के आदेश
भिंड जिले के फूप थाने में पुलिस पर हिरासत में लिए गए पांच लोगों के साथ मारपीट का आरोप लगा है। अदालत में पेशी के दौरान पीड़ितों की हालत देखकर न्यायाधीश ने पुलिस की मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया और दोबारा जांच के आदेश दिए। पीड़ितों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने आरोपों को नकारा है। अदालत ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी है।

पुलिस पर कस्टडी में मारपीट का आरोप।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। भिंड जिले के फूप थाना पुलिस पर कस्टडी में पांच लोगों के साथ बर्बर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं। शनिवार को जब पुलिस पांचों आरोपितों को अदालत में पेश करने पहुंची, तो उनकी हालत देखकर न्यायाधीश ने पुलिस द्वारा तैयार कराई गई मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया और पैनल बोर्ड से दोबारा जांच के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही सभी पांचों को तत्काल जमानत दे दी गई।
ऐसे शुरू हुआ मामला
जानकारी के मुताबिक सैनिक कॉलोनी निवासी विवेक शर्मा शुक्रवार शाम सब्जी के ठेले के पास खड़े थे, तभी छोटू जाटव की बाइक उनसे टकरा गई। दोनों के बीच विवाद बढ़ा और मारपीट शुरू हो गई, जिससे सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। सूचना पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मी राहुल राजावत पहुंचे, लेकिन विवाद शांत कराने की कोशिश के दौरान दोनों पक्षों से कहासुनी हो गई। इसी दौरान वीडियो बना रहे दीपक परमार का मोबाइल भी छीन लिया गया। पुलिस ने क्रॉस एफआईआर दर्ज कर दोनों पक्षों को थाने भेजा।
रात में घर से उठाकर ले गई पुलिस
परिजनों के मुताबिक देर रात पुलिस विवेक शर्मा के घर पहुंची और कई लोगों को हिरासत में ले गई। महिलाओं व बच्चों को बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन विवेक, प्रमोद, अभिषेक, दीपक और सुरेश शर्मा को रातभर हवालात में रखा गया। आरोप है कि पांचों को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया। कोर्ट में पेशी के दौरान प्रमोद और दीपक चलने की स्थिति में भी नहीं थे।
“पसलियां टूट गईं”—अदालत में फूट पड़ा दर्द
अदालत में प्रमोद ने बताया कि पूरी रात डंडों से मारपीट की गई। मेडिकल रिपोर्ट में उसके शरीर पर 11 गहरी चोटें दर्ज थीं। हालत देखकर जज ने पुलिस रिपोर्ट को संदिग्ध बताते हुए अमान्य करार दिया और पैनल बोर्ड से दोबारा मेडिकल कराने का आदेश दिया। कोर्ट परिसर से निकलते ही प्रमोद जमीन पर गिर पड़ा और बोला— “अब चला नहीं जाता, मेरी पसलियां टूट गई हैं।”
महिलाओं के साथ अभद्रता के भी आरोप
दीपक शर्मा की पत्नी वसुंधरा देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस घर में घुसी, महिलाओं को घसीटा और बिना लेडी पुलिसकर्मी के वाहन में बैठाने की कोशिश की। उनकी बेटी प्रतिमा ने भी मोबाइल छीने जाने और खींचातानी का आरोप लगाया।
पुलिस ने आरोपों को बताया झूठा
फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मामला महज एक छोटा दुर्घटना विवाद था, जिसे विवेक पक्ष ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। उनके अनुसार पुलिस ने किसी के साथ मारपीट नहीं की और आरोपी नाटक कर रहे हैं।
कोर्ट ने पैनल बोर्ड से मेडिकल कराए जाने के निर्देश दिए हैं, उसी आधार पर दोबारा चेकअप कराया जाएगा। यदि किसी पक्ष द्वारा गलत व्यवहार या मारपीट की शिकायत की जाती है, तो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
-रविंद्र वास्कले, एसडीओपी, अटेरपुलिस ने हमारे पक्ष के लोगों के साथ बर्बरता की है। हवालात में उनकी लाठियों से पिटाई की गई, जिसका सबूत प्रमोद के शरीर पर मौजूद 11 चोटें हैं। पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण एवं बर्बरतापूर्ण रहा। पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए गैरकानूनी तरीके से आरोपित पक्षकारों के साथ मारपीट की। न्यायालय द्वारा सभी आहतों के मेडिकल बोर्ड से पुन: परीक्षण कराने के निर्देश फूफ थाना प्रभारी को दिए हैं।
-हिमांशु शर्मा, पीड़ित पक्ष के वकील

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