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    दो मासूमों की मौत के बाद सल्फास पर शिकंजा, भिंड में कीटनाशक दुकानों की सघन जांच, टीम गठित

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 05:39 PM (IST)

    ग्वालियर में सल्फास गैस से दो बच्चों की मौत के बाद भिंड जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिले में कीटनाशक दुकानों पर सघन जांच अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। कृषि विभाग ने प्रतिबंधित सल्फास की अवैध बिक्री रोकने के लिए 15 सदस्यीय टीम गठित की है। टीम दुकानों की तलाशी लेकर स्टॉक और बिक्री रिकॉर्ड की जांच करेगी। कलेक्टर ने सल्फास मिलने पर लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए हैं।

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    कीटनाशक दुकान को सील किया।

    डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। प्रदेश के ग्वालियर शहर में सल्फास गैस से दो मासूमों की दर्दनाक मौत के बाद भिंड का जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है। घटना के बाद भिंड जिले में सभी कीटनाशक दवा दुकानों पर सघन जांच अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। कृषि विभाग ने प्रतिबंधित सल्फास की गोलियों की अवैध बिक्री रोकने के लिए 15 सदस्यीय निरीक्षण टीम गठित की है, जो जिलेभर में दुकानों की तलाशी लेकर स्टॉक और बिक्री रिकॉर्ड की जांच करेगी।

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    घटना की पृष्ठभूमि

    दरअसल, ग्वालियर के प्रीतम विहार कॉलोनी में किराये से रहने वाले सतेंद्र शर्मा के चार वर्षीय बेटे वैभव और 15 वर्षीय बेटी क्षमा की सल्फास से निकली जहरीली गैस की वजह से मौत हो गई। जांच में खुलासा हुआ कि मकान मालिक कृष्ण यादव ने गेहूं में घुन से बचाव के लिए करीब 50 सल्फास गोलियां रखी थीं, जिनसे नमी के कारण जहरीली फास्फीन गैस फैल गई। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गोहद स्थित 'पवैया बीज भंडार' को सील कर दिया, जहां से गोलियां खरीदी गई थीं। दुकान संचालक कमल सिंह यादव फरार है, जबकि मकान मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

    कइयों के पास लाइसेंस नहीं

    कृषि विभाग के अनुसार जिले में करीब 600 कीटनाशक दुकानों में से मात्र 300 ही लाइसेंस प्राप्त हैं। नियमों के बावजूद कई दुकानदार चोरी-छिपे प्रतिबंधित सल्फास बेच रहे हैं, जबकि वर्ष 2001 से केंद्र सरकार ने इसके उपयोग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।

    विशेषज्ञों की चेतावनी

    विशेषज्ञों के अनुसार 'क्विक सल्फास' सबसे खतरनाक माना जाता है, जिसमें लगभग 56 प्रतिशत सल्फास तत्व होता है। यह फास्फीन गैस उत्पन्न करता है, जो मनुष्य के लिए घातक है। इस रसायन का प्रयोग केवल स्वीकृत पेस्ट कंट्रोल संस्थानों द्वारा ही किया जा सकता है, लेकिन जिले में किसी के पास ऐसा लाइसेंस नहीं है।

    बेहद जहरीली गैस

    जिला अस्पताल के डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि सल्फास का असर बेहद तेज होता है। इसके संपर्क में आने पर कुछ ही मिनटों में सांस रुकने लगती है और एक-दो घंटे में किडनी, लीवर, आंतें और अन्य अंग नष्ट होने लगते हैं। डा शर्मा के अनुसार सल्फास से फास्फीन उत्पन्न होती है, जो शरीर में पहुंचकर आक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करती है, जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

    कलेक्टर ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि किसी भी दुकान पर सल्फास की गोली मिलने पर उसका लाइसेंस तुरंत निरस्त किया जाए और संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। 15 सदस्यीय जांच टीम दुकानों का स्टॉक, बिक्री रजिस्टर और रिकॉर्ड की गहन जांच करेगी, ताकि प्रतिबंधित रसायन की अवैध बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।

    जिले में संचालित कीटनाशक दुकानों पर सल्फास की बिक्री पर पूरी तरह से रोक है। दुकानों का निरीक्षण कराए जाने को लेकर टीम गठित कर दी गई है। किसी भी दुकान पर सल्फास मिलने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
    - केके पाण्डेय, उपसंचालक, कृषि विभाग भिंड।