कम जमीन में भी होगी बेहतर पैदावार, क्रॉप कवर से किसान ने किया अनूठा प्रयोग; यहां जानिए डिटेल
कृषि के क्षेत्र में लगातार नवाचार देखने को मिल रहा है। इस बीच एमपी के धार जिले के रहने वाले किसान सीताराम निगवाल अपने नवाचार के कारण अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन कर उभरे हैं। उन्होंने एक नई तकनीकी के बारे में बताया है जिससे कम जमीन में भी अधिक पैदावार हो सकती है। सीताराम निगवाल के अनुसार वह बहुफसली पहले से खेती करते आए हैं।

जेएनएन, धार। मध्य प्रदेश के धार में स्थित नालछा विकासखंड के ग्राम आवलिया के प्रगतिशील किसान सीताराम निगवाल अपने नवाचार के कारण अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन कर उभरे हैं। कम जमीन में उन्नत कृषि एवं अच्छी पैदावार को लेकर उन्होंने मिसाल कायम की है।
खेती से कैसे ज्यादा लाभ पा सकते हैं, उन्होंने इसे साबित करके दिखाया है। उन्होंने अपने पांच बीघा खेत में क्रॉप कवर के माध्यम से मौसम के विपरीत एक ही समय में तीन तरह की उद्यानिकी फसल का उत्पादन करने का अनूठा प्रयोग किया जो सफल रहा। इसे देखने के लिए अब दूर-दूर से किसान पहुंच रहे हैं।
क्रॉप कवर से होते हैं कई फायदे
सीताराम निगवाल के अनुसार वह बहुफसली पहले से खेती करते आए हैं। क्रॉप कवर लगा कर खेती वह विगत 2 वर्षों से कर रहे हैं। इसमें उन्होंने अलग-अलग प्रकार से करीब पांच प्रकार की फसलें लगाई हैं। कृषक ने क्रॉप कवर में गर्मी में होने वाली मिर्च और करेले की फसल की ठंड में पैदावार करते हुए उसी के साथ पत्ता गोभी की फसल बोई है। यही नहीं, तीनों ही फसलों का उत्पादन भी बहुत ज्यादा हुआ है।
इसमें रासायनिक खाद का नाममात्र प्रयोग हुआ है, जिसके कारण यह फसल ऑर्गेनिक फसल के रूप में भी पहचानी जा रही है। यही वजह है कि अन्य किसानों के लिए वे रोल मॉडल साबित हो रहे हैं। फसल में बगैर क्रॉप कवर ठंड के समय में उत्पादन नहीं हो पाता। क्रॉप कवर लगाकर उत्पादन करने में उन्हें शुरुआत में करीब दो लाख रुपये का लाभ हुआ।
वहीं, अब कुल फसल निकलने पर करीब 10 लाख रुपये तक का लाभ संभावित होता है। कृषक निगवाल पैसे की बचत करने के लिहाज से और उन्नत पौधे को तैयार करने के उद्देश्य से नर्सरी से मिर्ची के पौधे नहीं लाए, बल्कि बाजार से बीज खरीदकर उन्होंने अपने खेत में खुद मिर्ची के पौधे तैयार किए और मिर्ची की फसल ले रहे हैं।
केंद्र सरकार के वैज्ञानिक पहुंचे आंवलिया
क्रॉप कवर में हो रही तीन तरह की खाद्यान्न फसल के उत्पादन को लेकर कुछ माह पूर्व भारत सरकार दिल्ली कृषि विज्ञान केंद्र आरसीआई के वैज्ञानिकों का दल भी यहां पहुंचकर डॉक्यूमेंट्री बना चुका है। प्रदेश सरकार के वैज्ञानिकों का दल भी यहां पहुंचा था। इसी के साथ अन्य जिलों के किसानों के दल भी यहां आकर इनकी खेती करने के तरीके को देखकर सीख रहे हैं।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं सम्मानित
कृषक सीताराम निगवाल एक माडल किसान के रूप में जाने जाते हैं। वे वर्ष 2018 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृषि पुरस्कार से प्रधानमंत्री एवं तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में सम्मानित हो चुके हैं। 2019 में राष्ट्रपति ने उन्हें उन्नत कृषक के रूप में सम्मानित कर पुरस्कृत किया था। यही नहीं, मध्य प्रदेश सरकार से भी उन्हें पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
कपड़े से बनाया क्रॉप कवर
क्रॉप कवर फसलों को बारिश, धूप, हवा और कीड़ों से बचाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। ये कवर फसल को गर्म और ठंडे तापमान से सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी आदर्श हैं। निगवाल ने बताया कि पाली हाउस में करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होती है। इस वजह से उन्होंने पतले कपड़े की पाली हाउस जैसी खेत के ऊपर बांस और पतली रसियों के सहारे पूरी छत बना दी, जो कि नाममात्र के खर्चे में बन गई।
इस पद्धति के कारण खेत में बोई गई फसल को अनुकूल तापमान मिला, साथ ही फसलों में इल्लियां लगने का प्रकोप भी नहीं होता है। खेत में पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई का भी उपयोग किया है। इन सभी प्रयोगों के कारण उत्पादन अच्छा हो रहा है। निगवाल ने बगैर शासकीय मदद और प्रशिक्षण खुद क्राप कवर को तैयार किया है।
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