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Indore: प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोले पीएम मोदी,'वसुधैव कुटुंबकम की भावनाओं को साकार करने में जुटा है भारत'

इंदौर में 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ है। पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्धाटन किया। इस बार इसका थीम अमृतकाल में भारत के भरोसमंद सहयोगी है । 2019 के बाद पहली बार ये सम्मेलन प्रत्यक्ष हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Mon, 09 Jan 2023 02:11 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jan 2023 02:11 PM (IST)
Indore: प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोले पीएम मोदी,'वसुधैव कुटुंबकम की भावनाओं को साकार करने में जुटा है भारत'

मध्य प्रदेश, भोपाल: इंदौर में 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ है। पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्धाटन किया। इस बार इसका थीम अमृतकाल में भारत के भरोसमंद सहयोगी है । 2019 के बाद पहली बार ये सम्मेलन प्रत्यक्ष हो रहा है। तीन साल ये कोरोना की वजह से डिजिटल मोड में हुआ था । प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान 24 मिनटों तक चले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावनाओं को साकार करने में जुटा है भारत ।

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इंदौर में प्रवासी सम्मेलन का शुभारंभ

प्रवासी सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चार साल के बाद पूरी भव्यता के साथ प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो रहा है। आमने-सामने मिलने का अपना ही मजा है। मैं130 करोड़ भारतवासियों की तरफ से आप सभी का स्वागत है। यहां लोग अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियों के साथ अपनी माटी को नमन करने आए हैं। इतना बड़ा आयोजन मध्य प्रदेश के हृदयस्थल में हो रहा है। मध्यप्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां की परंपरा, यहां का आध्यात्म ऐसा कितना कुछ है जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। हाल ही में भगवान महाकाल के महलोक का विस्तार हुआ है। मैं आशा करता हूं कि आप सभी वहां जाकर भगवान महाकाल का आर्शीवाद लेंगे।

अपन का इंदौर, मन का इंदौर: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश में अलग पहचान स्थापित की है। खाने पीने के लिए अपन का इंदौर, मन का इंदौर देश ही नहीं पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद और यहां पोहे का पैशन है। साबूदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसा, शिकंजी, जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका और जिसने इसे चखा उसने कहीं और मुड़ कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है कि यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और वापस जाकर दूसरों को यहां के बारे में बताना नहीं भूलेंगे।

पीएम ने कहा, हम अलग-अलग देशों और अलग-अलग सभ्यताओं के बीच गए और व्यासायिक संबंधों की नई राह खोलकर भारतीयों ने लक्ष्य प्राप्त करके दिखाया। हम करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना साकार होती है। जब किसी देश में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों, प्रांतो के लोग मिलते हैं तो हमें भारत की सभ्यता और संस्कृति की बात होती है। मदर आफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव बढ़ जाता है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा स्टार्टअप नेशन

पिछले कुछ वर्षों से भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है। जो उपलब्धियां हासिल की है वह असाधारण है अभूतपूर्व हैं। जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है तो भारत अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन मुफ्त लगाने का रिकार्ड बनाता है। जब भारत विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है। जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा स्टार्टअप नेशन बनता है। खिलोना इंडस्ट्री,तेजस हेलकीप्टर, आइएनएस विक्रांत, अरिहंत जैसी सबमरीन बनाता है तो दुनिया के लोगों में उत्कसुकता होती है कि भारत विकास कर रहा है कैसे कर रहा है।

भारत जी-20 की अध्यक्षता करेगा

भारत इस वर्ष दुनिया के जी-20 देशों के समूहों की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को अवसर के रुप में देख रहा है। हमारे लिए दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। आज भारत के पास न केवल दुनिया के नालेज कैपिटल बनने का बल्कि स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। हमारे युवाओं केपास स्किल्स, वैल्यू और काम करने का जज्बा भी है। भारत की प्राथमिकता वे प्रवासी युवा भी है जो भारत में जुड़े हैं। भले ही विदेश में जन्में है, वहीं पले-बढ़े हैं। हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के कई अवसर दे रहे हैं। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी उतना ही भारत से जुड़ा पर्यटन बढ़ेगा।

भारत से प्रवासी कई सदियों से कई देशो में जाकर बसें है। भारतीय प्रवासियों ने वहां के राष्ट्र के निर्माण में असाधारण योगदान दिया है। हमें उनके योगदान को लिपिबद्ध करना चाहिए। यूनिवर्सिटिज के माध्यम से यह कार्य करना चाहिए। जब भारत से कोई व्यक्ति विदेश जाता है और उसे वहां एक भी भारतीय मूल का व्यक्ति मिल जाता है तो उसे लगता है हमें पूरा देश मिल गया है। उन्होंने गुयाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहा कि गयाना को आश्वासन और विश्वास की आपके सुझावों पर भारत खरा उतरेगा।

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