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    MP Election 2023: मध्य प्रदेश में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में आई कमी, टिकट देने से कतराते हैं सियासी दल

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 05:10 AM (IST)

    वर्ष 2008 में कांग्रेस ने 37 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था जिनमें आठ ने चुनाव जीता। जबकि भाजपा ने 25 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया। इनमें से 14 ने जीत दर्ज की। वर्ष 2013 में भाजपा ने 28 महिला प्रत्याशी उतारे और 22 पार्टी के भरोसे पर खरी उतरीं। जबकि कांग्रेस ने 23 महिलाओं को टिकट दिया लेकिन केवल छह ही जीत सकीं।

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    मध्य प्रदेश में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में आई कमी (प्रतीकात्मक फोटो)

    धनंजय प्रताप सिंह, भोपालः लोकसभा और राज्यसभा से नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने के बाद से ही राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने को लेकर देश में बहस छिड़ गई है। महिलाओं को आरक्षण संबंधी कानून बनने के बाद उन्हें लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। वर्तमान स्थिति की बात करें तो कोई भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं है, जो 15 प्रतिशत टिकट भी महिलाओं को देता हो।

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    मध्य प्रदेश में बीते 15 वर्ष में गठित तीन विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या का विश्लेषण किया जाए तो वर्ष 2013 में गठित 14वीं विधानसभा ही ऐसी थी, जिसमें कुल 230 सदस्यों में महिला विधायकों की संख्या 32 यानी लगभग 14 प्रतिशत थी। यह संख्या 15वीं विधानसभा (वर्ष 2018) में घटकर नौ प्रतिशत यानी महिला विधायकों की संख्या घटकर 21 हो गई थी। 2008 में 24 महिला विधायक थीं।

    महिलाओं को प्रत्याशी बनाने के मामले में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस आगे रही है। वर्ष 2008 में कांग्रेस ने 37 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, जिनमें आठ ने चुनाव जीता। जबकि, भाजपा ने 25 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया। इनमें से 14 ने जीत दर्ज की। वर्ष 2013 में भाजपा ने 28 महिला प्रत्याशी उतारे और 22 पार्टी के भरोसे पर खरी उतरीं। जबकि, कांग्रेस ने 23 महिलाओं को टिकट दिया लेकिन केवल छह ही जीत सकीं।

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    2018 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने 27 महिलाओं पर दांव लगाया और नौ चुनी गईं। जबकि, भाजपा ने 24 महिलाओं को टिकट दिए और उनमें से 11 जीतकर विधानसभा पहुंचीं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजनीतिक दल मात्र जिताऊ प्रत्याशी को ही टिकट देना चाहते हैं।

    महिलाओं की क्षमता पर वे आसानी से भरोसा नहीं कर पाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक सर्वसम्मति से दोनों सदनों में पारित किया गया है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई के पात्र हैं। आधी आबादी को न्याय मिला है भाजपा भी नारी सशक्तीकरण की पक्षधर है।

    सीएम शिवराज का कहना है कि, 

    महिला आरक्षण का प्रविधान जब होगा तो अवश्य पालन होगा। जहां महिला प्रतिनिधित्व कम है, वहां बढ़ाने का प्रयास होगा। चाहे मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी की बात हो या अभी होने वाले विधानसभा चुनाव हों, आने वाले समय में पार्टी महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने को लेकर गंभीर है।

    पूर्व सीएम कमलनाथ कहते हैं,

    इस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री कांग्रेस ने दी है। पहली महिला राष्ट्रपति भी कांग्रेस पार्टी ने बनाई। देश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी कांग्रेस पार्टी ने ही बनाई। महिला आरक्षण का बिल भी कांग्रेस ही संसद में लाई थी। मध्य प्रदेश में भी महिलाओं को सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व कांग्रेस पार्टी ही देगी।

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