Gwalior: अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला, तो मरीज को चादर पर बैठाकर खींचना पड़ा; सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
आर्थोपेडिक विभाग में डाक्टर ने परामर्श दिया कि उसे जेएएच के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया जाए। जब महिला ने ससुर को ओपीडी से बाहर तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की तलाश की तो वह नहीं मिला। अस्पतालकर्मियों से सहयोग मांगा लेकिन निराशा हाथ लगी।
ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े उठ रहे हैं। इस अस्पताल की अनुमानित लागत 397 करोड़ थी और यहां पर मरीजों को आसानी से स्ट्रेचर तक नहीं मिल पा रहा है। इस अस्पताल को एक और नाम से जाना जाता है- हजार बिस्तर अस्पताल।
अस्पताल का वीडियो वायरल
अस्पताल में मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं उपलब्ध हो पा रहे। आलम ऐसा है कि मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए तीमारदारों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अस्पताल से ऐसा ही एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने स्वजन मरीज को स्ट्रेचर न मिलने पर चादर पर बैठाकर फर्श पर खींचती दिखाई दे रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साइकिल से गिरने पर महिला के ससुर विपिन ओझा के पैर की हड्डी टूट गई। इलाज कराने के लिए महिला अपने ससुर को लेकर शुक्रवार को हजार बिस्तर अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग की ओपीडी में पहुंची।
चादर खींचकर बुजुर्ग को OPD बिल्डिंग से बाहर ले गई महिला
आर्थोपेडिक विभाग में डाक्टर ने परामर्श दिया कि उसे जेएएच के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया जाए। जब महिला ने ससुर को ओपीडी से बाहर तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की तलाश की, तो वह नहीं मिला। अस्पतालकर्मियों से सहयोग मांगा, लेकिन निराशा हाथ लगी। तब महिला ने अपने साथ लाई चादर पर ससुर को बैठाया और चादर खींच कर उन्हें ओपीडी बिल्डिंग से बाहर तक लेकर गई।
इसके बाद महिला ऑटो के जरिए 800 मीटर दूर जेएएच के ट्रामा सेंटर पहुंची। यहां मौजूद कुछ मरीजों के तीमारदारों ने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया।