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    Balram Talab Yojana 2023: किसानों को नहीं होगी पानी की किल्लत! बलराम तालाब योजना के लिए पैसे दे रही सरकार

    By Jagran NewsEdited By: Manish Negi
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 01:17 PM (IST)

    Balram Talab Yojana 2023 मध्य प्रदेश सरकार बलराम तालाब योजना चला रही है। योजना के जरिए वाटर लेवल और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत तालाब का निर्माण किसानों के खेत पर ही किया जाता है। सरकार किसानों को तालाब निर्माण के लिए अनुदान राशि देती है। योजना के बारे में विस्तार से जानिए

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    Balram Talab Yojana 2023: किसानों को नहीं होगी पानी की किल्लत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    Balram Talab Yojana 2023 किसानों को सिंचाई के लिए पानी की किल्लत ना हो, इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार बलराम तालाब योजना चला रही है। इस योजना का मकसद बारिश के पानी को संरक्षित करना भी है। 2007 में इस योजना की शुरुआत की गई थी। योजना के तहत किसानों को तालाब बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है।

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    क्या है बलराम तालाब योजना?

    इस योजना के तहत तालाब का निर्माण किसानों के ही खेत पर किया जाता है। योजना का लाभ मध्‍य प्रदेश के सामान्य, छोटे और सीमांत किसानों के साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को दिया जाता है।

    क्यों शुरू हुई योजना?

    योजना के जरिए वाटर लेवल को बढ़ाना है। साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध हो सके। इन तालाबों के माध्यम से न सिर्फ खेत पर सिंचाई की जा सकती है, बल्कि इसके आस-पास मौजूद कुओं और नलकूपों के जलस्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

    क्या हैं शर्तें?

    • योजना का लाभ किसानों को एक बार ही मिलेगा
    • तालाब का निर्माण किसान की जमीन पर किया जाएगा
    • इस योजना के लिए वे ही किसान पात्र होंगे जिनके पास वित्‍तीय वर्ष 2017-18 अथवा उसके बाद ड्रिप अथवा स्प्रिंकलर की स्थापना की गई हो और वह चालू स्थिति में हो
    • पट्टे की भूमि पर निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा
    • भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी द्वारा उक्‍त सभी शर्तों को सत्‍यापित किया जाएगा

    क्या है आवेदन करने का तरीका?

    इसके लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को आवेदन देना होगा। आवेदन के आधार पर जिला पंचायत द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाएगी। डीबीटी के जरिए किसान के खाते में राशि भेजी जाएगी।

    सामान्य वर्ग के किसान को लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 80 हजार रुपये। लघु सीमांत किसान को लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 80 हजार रुपये और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को लागत का 75 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रुपये मिलेगा।