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    Werewolf Syndrome: दुर्लभ बीमारी से पीड़ित रतलाम के ललित का पूरा चेहरा बालों से ढंका, लोग समझते बाल हनुमान

    जन्मजात बीमारी में ललित पाटीदार के पूरे चेहरे पर लंबे घने बालों का होना लोगों को भी अचंभित कर देता है। दुर्लभ बीमारी से ललित कई परेशानियों के बीच अपने हौंसले को बुलंद रखे हुए है। चेहरे पर लंबे बाल के कारण देखने में भी परेशानी होती है।

    By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Wed, 23 Nov 2022 02:32 PM (IST)
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    Werewolf Syndrome: दुर्लभ बीमारी से पीड़ित रतलाम के ललित का पूरा चेहरा बालों से ढंका, लोग समझते बाल हनुमान

    Werewolf Syndrome: रतलाम, जागरण ऑनलाइन डेस्क। कुछ ने बाल हनुमान समझकर मान दिया तो कुछ ने पत्थर भी मारे। रतलाम जिले के ग्राम नांदलेटा निवासी 17 वर्षीय ललित पाटीदार को देखने के बाद हर कोई आश्चर्य से भर जाता है। हायरट्राइकोसिस नामक बीमारी से पीड़ित ललित के चेहरे पर लंबे घने बाल के कारण देखने में भी परेशानी होती है।

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    मालूम हो कि इस जन्मजात बीमारी में ललित पाटीदार के पूरे चेहरे पर लंबे घने बालों का होना लोगों को भी अचंभित कर देता है। चिकित्सकों के अनुसार वेयरवोल्फ सिंड्रोम के कारण हुई यह दुर्लभ बीमारी। ललित कई परेशानियों के बीच अपने हौंसले को बुलंद रखे हुए है। चिकित्सकों ने कंजेनिटल हायरट्राइकोसिस नामक बीमारी से पीड़ित ललित के लिए अब यह सामान्य बात हो गई है। चेहरे पर लंबे बाल के कारण देखने में भी परेशानी होती है।

    पढ़ाई शुरू की तो बनते गए दोस्त

    जानकारी हो कि ललित गांव के ही शासकीय स्कूल में कक्षा 12 वीं की पढ़ाई कर रहा है। स्कूल जाने के साथ ही दोस्त भी बनते गए और सबके साथ वह खेलों में भी भाग लेता है। इसके साथ हीं अच्छा खिलाड़ी होने के साथ वह बाइक आदि भी चला लेता है। सामान्य बच्चे, किशोर के रूप में जीवन जीने की इच्छा उसकी हमेशा मन में रहती है।

    चार बहनों का इकलौता भाई

    जानकारी हो कि ललित के घर में माता-पिता के साथ ही चार बहनें हैं। वह उनका इकलौता भाई है। आगे वह पुलिस में जाने के साथ अपना यूट्यूब चैनल भी आगे बढ़ना चाहता है।

    अभी तक के जीवन में कई तरह के अनुभव

    मालूम हो कि खेती किसानी करने वाले इस परिवार को ललित के इलाज के लिए भी लंबी मशक्कत करना पड़ी। अब उसकी दिनचर्या सामान्य हो गई है। जन्मजात बीमारी के बीच ललित पाटीदार ने अभी तक के जीवन में कई तरह के अनुभव किए हैं। इसमें कुछ अच्छे तो कुछ बुरे हैं। बचपन में बच्चे साथ खेलने से बचता था। कुछ ने बाल हनुमान समझकर मान भी दिया तो कुछ ने पत्थर भी मारे। परिवार व दोस्तों के सहयोग से समय निकल गया।

    डाक्टरों ने 21 वर्ष की उम्र के बाद उपचार व सर्जरी होने की संभावना जताई है। ललित की मां पर्वतबाई व पिता बंकटलाल हैं। ललित ने बेहतर उपचार के लिए सरकार से भी उम्मीद जताई है।