Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    MP News: खंडवा के भगवान टेलर को किसी भी मंदिर का नाम बता दें वो तुरंत सिल देंगे मूर्तियों के पोशाक, लगी रहती भक्तों की भीड़

    By JagranEdited By: PRITI JHA
    Updated: Thu, 29 Sep 2022 03:50 PM (IST)

    लोग इन्हें भगवान के टेलर के नाम से पुकारते हैं। कुवादे के पास खंडवा शहर में मौजूद सभी मूर्तियों का नाप है। बस भरत कुवादे को पोशाक बनाने के लिए मंदिर का नाम बताना होता है और वे इसे तैयार कर देते हैं।

    Hero Image
    खंडवा के भगवान टेलर को किसी भी मंदिर का नाम बता दें वो तुरंत सिल देंगे मूर्तियों के पोशाक

    खंडवा, जागरण ऑनलाइन डेस्क। भरत कुवादे खंडवा जिले के मंदिरों में स्थापित भगवान की प्रतिमा के नाप लेकर और इनके ग्राफ बनाकर भगवान की पोशाक तैयार करते हैं। इनके पास खंडवा के साथ आसपास के जिलों से भी लोग भगवान की छोटी-बड़ी मूर्तियों की पोशाकें सिलवाने के लिए आते हैं। मध्य प्रदेश के खंडवा शहर के इस टेलर को लोग भगवान के टेलर के नाम से ही पुकारते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भगवान के टेलर के मौसम के हिसाब से तैयार करते हैं पोशाक

    मालूम हो कि खंडवा के घंटाघर चौक पर कहारवाड़ी निवासी भरत कुवादे भगवान के कपड़े सिलने का काम करते हैं। यही वजह है कि लोग इन्हें भगवान के टेलर के नाम से पुकारते हैं। कुवादे के पास खंडवा शहर में मौजूद सभी मूर्तियों का नाप है। बस भरत कुवादे को पोशाक बनाने के लिए मंदिर का नाम बताना होता है और वे इसे तैयार कर देते हैं। खास बात यह है कि वे खुद ही भगवान के कपड़ों की डिजाइनिंग करते हैं। गर्मियों में सिल्क और रेशमी कपड़े से तो सर्दियों में मखमली कपड़ों से भगवान की पोशाक तैयार की जाती है। टेलर कुवादे ने कहा कि कपड़ों को मौसम के अनुसार तैयार किया जाता है।  

    भगवानों की ड्रेस डिजाइन भी करते

    मालूम हो कि अभी तक आपने हीरो हीरोइन के कपड़ों के ड्रेस डिजाइनर केे बारे में सुना होगा लेकिन यह एक ऐसा दर्जी है जो भगवानों की ड्रेस डिजाइन करता है। इस दर्जी की पहचान ऐसी है कि लोग यहां पर भगवान की पोशाक तैयार कराने के लिए आते हैं। इस दर्जी के पास अधिकतर मन्दिरों में स्थापित भगवान की प्रतिमा के नाप मौजूद हैं। इसलिए इनको अगर भगवान का दर्जी कहा जाए तो गलत नहीं होगा यहां सिर्फ आपको मन्दिर का नाम बताना है भगवान के कपड़े आपको तैयार मिलेंगे।

    चमकीले और लैस लगे कपड़ों की भरमार

    दुर्गा पूजा हो या जन्माष्टमी या कोई भी पर्व हो लोग यहां पर भगवान के कपड़े बनवाने के लिए आते रहते हैं। लोग यहां पर न सिर्फ अपने घरों के भगवान के लिए कपड़े सिलवाते हैं बल्कि मंदिरों में चढ़ाने के लिए भी यहीं पर उनकी सिलाई कराते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहां पर सिर्फ मंदिर का नाम बताने से ही उस मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्तियों के कपड़े इस दर्जी के यहां सिल दिए जाते हैं। इस दर्जी के पास हर भगवान की पोशाक का नाप मौजूद है। इसलिए लोग भगवान के कपड़े बनवाने के लिए इसी दुकान पर ही आते हैं।

    इनकी दुकान में चमकीले और लैस लगे कपड़ों की भरमार है जिससे कि वह भगवान की पोशाक तैयार करते हैं।