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    Health News : बच्चे के खानपान में पौष्टिकता का खास ऱखें ख्याल, स्वस्थ आहार और दिनचर्या पर ऐसे दें ध्यान

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Sun, 12 Jun 2022 02:07 PM (IST)

    बच्चे के खानपान में पौष्टिकता का खास ऱखें ख्यालआहार व पोषण विशेषज्ञ के अनुसार यदि इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो बच्चों का वजन अत्याधिक बढ़ता है जिससे वे मोटापे की चपेट में आ जाते हैं। इसके अलावा उन्हें कब्ज एसिडिटी पाचन से संबंधित समस्याएं भी होने लगती हैं।

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    बच्चे के खानपान में पौष्टिकता का खास ऱखें ख्याल

    इंदौर, जेएनएन । बच्चे को स्वास्थ्यकर खाने के लिए कैसे प्रेरित करें ये माताओं के लिए एक प्राथमिक चिंता होती है, फिर भी यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपका उद्देश्य एक संतुलित आहार सुनिश्चित करना होना चाहिए जो आपके बच्चे को बढ़ने के लिए आवश्यक सभी प्रकार का पोषण प्रदान करता हो। यह स्वतः ही बच्चे को एक स्वस्थ वज़न प्राप्त करने में मदद करेगा। अपने बच्चे को दिन में तीन स्वस्थ, संतुलित भोजन और बीच–बीच में स्वास्थ्य के अनुकूल नाश्ता दें। एक विविधतापूर्ण आहार यह भी सुनिश्चित करता है कि उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व, विभिन्न विटामिन और सभी खनिज मिलें जो उनके मस्तिष्क और शरीर के समग्र विकास के लिए आवश्यक हो ।

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    बच्चों में वज़न कैसे बढ़ाएं?

    कुछ बच्चों का वज़न कभी बढ़ता हुआ लगता ही नहीं और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि माता–पिता की आनुवंशिक रचना। यदि माता और पिता दोनों दुबले हैं, तो शिशु की शारीरिक गुण भी समान हो सकते हैं। चयापचय या मेटाबॉलिज्म भी बच्चे का वज़न बढ़ाने के स्वरूप या पैटर्न में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपका बच्चा सक्रिय और स्वस्थ है, तो वज़न का अपेक्षित स्तर अंततः पा ही लेगा।

    आहार व पोषण विशेषज्ञ के अनुसार यदि इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो बच्चों का वजन अत्याधिक बढ़ता है जिससे वे मोटापे की चपेट में आ जाते हैं। इसके अलावा उन्हें कब्ज, एसिडिटी, पाचन से संबंधित समस्याएं भी होने लगती हैं। यदि भोजन सही ढंग और सही मात्रा में न हो तो पानी भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पिया जाता, जिससे शरीर में पानी की कमी होती है। शरीर में पानी की कमी होने से उनके संक्रमित व बीमार होने के मामले भी बढ़ जाते हैं। पानी की कमी से बच्चों को उल्टी-दस्त जैसी परेशानी भी हो जाती है।

    बच्चे को सेहतमंद बनाने के लिए उसकी दिनचर्या को एक सा बनाना होगा। सोने-जागने, खानपान, खेलने का समय निर्धारित करें। दिन की शुरुआत बच्चे को पौष्टिक आहार देकर कराएं। उन्हें बादाम, अखरोट, किशमिश, अंजीर, मुनक्का खिलाएं। सुबह के नाश्ते की शुरुआत पौष्टिक आहार देकर करवाएं आदत विकसित करें ताकि स्कूल जाने से पहले वे नाश्ता करके जाएं। इसमें पराठा, इडली, दलिया, खमण, उपमा, डोसा, दाल का चीला, पोहा, अंकुरित अनाज, दही, श्रीखंड, लस्सी, दूध, फल कुछ न कुछ जरूर दें। इससे उनका पेट भी भरा रहेगा, पौषि्टक तत्व भी मिलेंगे व रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होगी।

    इन दिनों स्कूल की छुटि्टयां जारी है और इस वजह से बच्चों की जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है। यह बदलाव केवल सोने-उठने के समय में ही नहीं बल्कि खानपान में भी आया है। यह भी देखा गया है कि छुट्टी में बच्चों के भोजन में जकंफूड बहुताय से शामिल हो जाता है। खानपान का कोई समय भी तय नहीं होता, जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनके वजन और विकास पर पड़ता है। वर्तमान में यह भी देखा गया कि बच्चे शारीरिक श्रम से कतराने लगे हैं और घर से बाहर जाकर खेलना भी पसंद नहीं करते। इसके साथ ही जंकफूड का सेवन और भी हानि पहुंचाता है। जंकफूड से पेट तो भर जाता है लेकिन पोषकतत्व नहीं मिलते, इस वजह से सेहत भी नहीं बनती।  

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