Solar Energy in MP: मध्य प्रदेश में बढ़ी सौर उर्जा क्षमता, 52 फीसदी का हुआ इजाफा
Madhya Pradesh News मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षमता लगातार बढ़ रही है। एक दशक में एमपी में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी है। सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ने के साथ 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं लागू होने की प्रारंभिक स्थिति में हैं। परियोजनाओं में विश्व के सबसे बड़े ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावाट फ्लोटिंग का सोलर पार्क शामिल है।

भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जानकारी के मुताबिक, पिछले एक दशक में एमपी में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी है। यह राज्य की स्थापित क्षमता का लगभग 24 प्रतिशत है। प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षमता 52 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वर्तमान में 1000 मेगावाट क्षमता के सौर पार्क संचालित हैं और 1778 मेगावाट के पार्क जल्द ही शुरू हो जायेंगे। साथ ही 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं लागू होने की प्रारंभिक स्थिति में हैं।
कौन-कौन सी योजनाएं हैं शामिल?
एक हजार मेगावाट क्षमता की सोलर पार्क परियोजनाएं, 250 मेगावाट मंदसौर सोलर पार्क, 750 मेगावाट रीवा सोलर पार्क शामिल हैं। रीवा मेगा पार्क को नवाचारी प्रयासों की वजह से कई पुरस्कार मिले। इसने प्रति इकाई 2.97 रुपये की न्यूनतम मूल्य दर हासिल की। इसे विश्व बैंक के प्रेसिडेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्तमान में 1778 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में 1500 मेगावाट की आगर मालवा, शाजापुर और नीमच सोलर पार्क और 500 मेगावाट की नीमच पार्क परियोजना शामिल हैं। भविष्य की परियोजनाओं में विश्व के सबसे बड़े ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावाट फ्लोटिंग का सोलर पार्क शामिल है।
साल के अंत में शुरू होगा उत्पादन
बताया जा रहा है कि इस साल के अंत तक पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं में 1400 मेगावाट की मुरैना और 450 मेगावाट की छतरपुर पार्क और बीरसिंहपुर जलाशय, इंदिरा सागर जलाशय और गांधी सागर जलाशय में 1500 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर परियोजनाएं शामिल हैं।
मध्यप्रदेश ने व्यापक लोकहित में सोलर ऊर्जा के दोहन की अच्छी शुरुआत की है। थोड़े ही समय में, मध्य प्रदेश भारत के नवकरणीय ऊर्जा के नक्शे पर चमक रहा है। कई रिकॉर्ड बने हैं और अब इतिहास बन रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुस्पष्ट नीतियों और मजबूत नेतृत्व के साथ मध्य प्रदेश भारत की नवकरणीय ऊर्जा का मुख्य केंद्र बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।
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