SIR के नाम पर साइबर ठगी का नया पैंतरा, सरकारी लोगो और नकली ऐप से फैला रहे फरेब का जाल
भोपाल पुलिस ने 'विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)' के नाम पर हो रही साइबर धोखाधड़ी के प्रति नागरिकों को सतर्क किया है। धोखेबाज सरकारी एजेंसी बनकर ओटीपी और बैंकिंग जानकारी मांग रहे हैं। फर्जी BLO बनकर कॉल कर दस्तावेजों और मोबाइल नंबर अपडेट करने के नाम पर जानकारी मांगते हैं। जासूसी ऐप के जरिए मोबाइल का नियंत्रण हासिल कर लेते हैं। सरकारी लोगो का दुरुपयोग कर लोगों को भ्रमित करते हैं। पुलिस ने सावधानी बरतने की अपील की है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के नाम पर चल रहे नए तरह के साइबर फ्रॉड को लेकर शहरवासियों को सतर्क किया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अब ठग सरकारी एजेंसियों का रूप धारण कर लोगों से ओटीपी, पहचान संख्या और बैंकिंग डिटेल जैसी संवेदनशील जानकारी मांग रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, फर्जी कॉल और मैसेज की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिनमें ठग खुद को किसी सरकारी एजेंसीा या सत्यापन प्रकोष्ठ का अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेते हैं। लोग ऐसे कॉल को असली समझकर फंस सकते हैं।
इन तरीकों से ठगी
- फर्जी एसआइआर कॉल : ठग SIR के नाम पर फर्जी BLO बनकर कॉल करते हैं एवं पीड़ित को यह कहते हुए झांसे में लेते हैं कि आपके दस्तावेज या मोबाइल नंबर SIR फॉर्म में अपडेट नहीं हुए हैं। प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर वे OTP और निजी जानकारी ले लेते हैं।
- जासूसी ऐप का जाल : ठग ‘SIR’ के नाम की फर्जी एपीके फाइल या लिंक भेजते हैं। आरोपित लिंक के जरिए इस एप को इंस्टाल करने के लिए कहते हैं। यह ऐप पूरी तरह स्पाइवेयर होता है, जो मोबाइल का नियंत्रण अपराधियों तक पहुंचा देता है। इसके इंस्टाल होते ही वे ओटीपी पढ़ सकते हैं, स्क्रीन रिकार्डिंग देख सकते हैं और बैंकिंग ऐप्स तक पहुंच बना सकते हैं।
- तीसरी बड़ी चाल सरकारी जैसे नाम और लोगो का दुरुपयोग है। फर्जी ऐप, लिंक और कालर आइडी पर सरकारी विभागों जैसे प्रतीक, चिन्ह और नाम का उपयोग किया जा रहा है, ताकि व्यक्ति को लगे कि यह असली सरकारी वेरिफिकेशन है। अधिकारी मानते हैं कि सरकारी प्रतीकों का यह दुरुपयोग लोगों को भ्रमित कर रहा है और साइबर ठगी की घटनाओं को बढ़ा रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने लोगों से सावधानी बरतने, किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करने और ऐसे मामलों की तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करने की अपील की है।

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