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    'मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी...', MP में सीएम बदलने पर शिवराज ने कही मन की बात, बोले- 'बदलाव में भी माथे पर नहीं पड़ा बल'

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 02:52 PM (IST)

    भोपाल में किरार सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से बदलाव पर बात की। उन्होंने कहा कि जब मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ, तब वे थोड़े भावुक थे। शिवराज ने बताया कि यह उनके जीवन की परीक्षा थी, लेकिन उन्होंने खुद मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद यह बदलाव हुआ।

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    किरार सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित अखिल भारतीय किरार सम्मेलन के मंच से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2023 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश में सत्ता के स्तर पर हुए उस बदलाव को लेकर खुलकर बात की, जब उनकी जगह डॉ. मोहन यादव की मुख्यमंत्री के तौर पर ताजपोशी की गई थी। उस समय का जिक्र करते हुए शिवराज थोड़े भावुक नजर आए।

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    यह बोले शिवराज

    उन्होंने कहा कि चुनावों में भाजपा की बंपर जीत के बाद सभी को उम्मीद थी कि सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा, लेकिन जब यह तय हुआ कि मोहन यादव मुख्यमंत्री होंगे, तब भी उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं आई। शिवराज बोले- अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे, गुस्सा भी आ सकता था कि मैंने इतनी मेहनत की, लोगों ने किसे वोट दिया? यह मेरे जीवन की परीक्षा की घड़ी थी। दिल ने कहा— शिवराज, तुझे कसौटी पर कसा जा रहा है। माथे पर बल मत आने देना... और मैंने खुद मोहन जी का नाम प्रस्तावित किया।'

    भाजपा को मिला था प्रचंड बहुमत

    गौरतलब है वर्ष 2023 में हुए मप्र विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 230 में से 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा की इस प्रचंड जीत में शिवराज की 'लाड़ली बहना योजना' को बड़ी वजह बताया गया था। उस वक्त सभी यह मानकर चल रहे थे कि शिवराज पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन तब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर युवा चेहरे को तरजीह देते हुए शिवराज की जगह डा. मोहन यादव को कमान सौंप दी गई।

    अब पहली बार शिवराज ने सार्वजनिक मंच से स्वीकार किया है कि यह फैसला उनके लिए कठिन परीक्षा जैसा था, लेकिन उन्होंने इसे पूरी शालीनता से स्वीकार किया। इसके बाद अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में शिवराज विदिशा सीट से ऐतिहासिक जीत हासिल कर संसद में पहुंचे और केंद्र में मंत्री बने।