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    Pushya Nakshatra 2022: पुष्य नक्षत्र कल, 26 घंटे 48 मिनट रहेगा खरीदारी का मुहूर्त

    By Jagran NewsEdited By: Babita Kashyap
    Updated: Mon, 17 Oct 2022 02:16 PM (IST)

    Pushya Nakshatra 2022 18 अक्टूबर को देवी महालक्ष्मी की पूजा का दिन पुष्य नक्षत्र 26 घंटे 48 मिनट का होगा। सिद्ध और साध्य योग में सोना-चांदी भूमि-निर्माण बहीखाता सहित सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति की खरीदारी फलदायी होगी।

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    Pushya Nakshatra 2022: 18 अक्टूबर को देवी महालक्ष्मी की पूजा का दिन पुष्य नक्षत्र 26 घंटे 48 मिनट का होगा।

    इंदौर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। Pushya Nakshatra 2022: दीपावली (Deepawali 2022) से छह दिन पहले मंगलवार 18 अक्टूबर को देवी महालक्ष्मी की पूजा (Maha Lakshami Puja 2022) का दिन पुष्य नक्षत्र 26 घंटे 48 मिनट का होगा। ज्योतिषियों के अनुसार पुष्य नक्षत्र में दिन भर रहने वाले सिद्ध और साध्य योग में सोना-चांदी, भूमि-निर्माण, बहीखाता सहित सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति की खरीदारी फलदायी होगी।

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    सूर्य देव मीन राशि को छोड़कर इस दिन तुला राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य की तुला संक्रांति इस दिन को और भी विशेष बना रही है। इस खास दिन पर दिवाली के लिए सजे बाजारों में खूब खरीदारी होगी।

    नए कार्य की शुरुआत शुभ मानी जाती है

    ज्योतिषी कान्हा जोशी का कहना है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को प्रातः 5.14 से 19 अक्टूबर को प्रातः 8.02 बजे तक रहेगा। 18 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र पूरे दिन-रात रहेगा। इस दिन शाम 4.53 बजे तक सिद्धयोग रहेगा। इसके बाद साधना योग होगा।

    ज्योतिषी शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार नक्षत्रों के राजा पुष्य में किसी नए कार्य की शुरुआत शुभ मानी जाती है। यही कारण है कि इस दिन बहीखाता, कलम और दवात खरीदना बहुत शुभ होता है। इससे कार्य में शुभता बढ़ती है। इस दिन बहीखाता, कलम और दवात खरीदकर उनकी विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

    रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन

    24 अक्‍टूबर को रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन मनायी जाएगी। चतुर्दशी 24 अक्‍टूबर को शाम 5 बजकर 27 तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या होगी जो अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4.18 बजे तक रहेगी। ऐसे में चूंकि 24 अक्टूबर को पर्वकाल (प्रदोष काल) में अमावस्या तिथि पड़ रही है, इसलिए इस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा।

    रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान भी इसी दिन सूर्योदय से पहले होगा। सूर्य ग्रहण का सूतक 24-25 अक्टूबर की रात 2.30 बजे से रहेगा। खंडग्रास सूर्य ग्रहण का स्पर्श दोपहर 2.28 बजे और मध्याह्न 4.30 बजे 25 अक्टूबर को होगा। ग्रहण शाम 6.32 बजे समाप्त होगा।

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