Mahakal Lok Ujjain में 12 अक्टूबर से आमजन को मिलेगा प्रवेश, प्रधानमंत्री मोदी कल करेंगे लोकार्पण
उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के समीप नवनिर्मित महाकाल प्रांगण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लोकार्पण किया जाएगा। इतिहास के साथ-साथ आधुनिकता का ख्याल रखते हुए इसका निर्माण किया गया है। आमजन को 12 अक्टूबर से मिलेगा प्रवेश।

भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्क। उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के समीप नवनिर्मित महाकाल प्रांगण का काम पूरा हो चुका है। 11 अक्टूबर को यानि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे और इसके अगले दिन यानि कि 12 अक्टूबर को श्रद्धालुओं को यहां प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
यहां लोकार्पण वाले दिन आमजन का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दिन केवल कुछ गिने-चुने मेहमान और कलाकार ही परिसर में मौजूद रहेंगे। 'महाकाल लोक' में निगरानी के लिए 400 कैमरे और मेहमानों के आराम के लिए 200 से ज्यादा कुर्सियां लगाई गई हैं। दिव्यांग एवं बुजुर्गों की सहायता के लिए परिसर में बैटरी चलित गाड़ियों की व्यवस्था है। परिसर में पार्किंग, पेयजल, शौचालय आदि की भी व्यवस्था है।
11 अक्टूबर को उज्जैन में दिखेगी श्री महाकाल लोक की निराली भव्यता
तीन मंचाें से कलाकार देंगे गायन, वादन नृत्य की प्रस्तुति
'महाकाल लोक' के लोकार्पण के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस दौरान नृत्य, गायन, वादन से जुड़े कलाकार तीन मंचों से अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे। एक मंच कार्तिक मेला मैदान पर बनाया जा रहा है।
दूसरा मंच महाकाल लोक के मुख्य द्वार के सामने और तीसरा मंच मानसरोवर (फेसिलिटी सेंटर) भवन के ठीक सामने बन रहा है। इलेक्ट्रिशियनों की टीम ने शनिवार से प्रागंण को लाइट से सजाने का काम शुरू कर दिया है। उज्जैन-इंदौर के नृत्य कलाकार भी पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियां जोरों पर
'महाकाल लोक' के लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के साथ समारोह को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन, प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने पूरी ताकत ताकत झोंक दी है। महाकाल लोक परिसर और प्रधानमंत्री जिन सड़क मार्गों से होकर गुजरेंगे, उन्हें सजाया जा रहा है। सभी कलाकार अंतिम चरण के अभ्यास में व्यस्त हैं।
सजावट के काम में कलाकार भी दे रहे योगदान
शनिवार को 100 से अधिक नृत्य कलाकारों का एक दल महाकाल लोक में शिव स्तंभ के नजदीक अभ्यास करता नजर आया। जबकि कुछ कलाकारों को प्रांगण की सजावट के काम में हाथ बंटाते हुए भी देखा गया। इसी के साथ कुछ अन्य कलाकार हाथों में बांधे जाने वाले पचरंगी सूती धागे से नंदी द्वार के नीचे आकर्षक कलाकृति बनाते नजर आए।
शाम ढलते ही जगमगाएगा पूरा परिसर
मिली जानकारी के मुताबिक कलाकारों ने कहा है कि पूरे परिसर को मालवी लोक संस्कृति के अनुरूप सजाना है। काम काफी हद तक पूरा हो चुका है।परिसर में कई जगह रंगोली बनाई गई है। यहां दिन के मुकाबले रात का नजारा देखने लायक होगा।
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