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    Droupadi Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- धर्म का जहाज हिलता-डुलता है, पर डूबता नहीं

    हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में धर्म-धम्म का गहरा प्रभाव है। धर्म का जहाज हिलता-डुलता है पर डूबता नहीं है। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में शुक्रवार को सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कही। फोटो- एएनआई।

    By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 03 Mar 2023 11:40 PM (IST)
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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- धर्म का जहाज हिलता-डुलता है, पर डूबता नहीं।

    भोपाल, राज्य ब्यूरो। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में धर्म-धम्म का गहरा प्रभाव है। धर्म का जहाज हिलता-डुलता है पर डूबता नहीं है। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में शुक्रवार को सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कही।

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    धर्म की आधारशिला मानवता पर टिकी है

    उन्होंने कहा कि धर्म की आधारशिला मानवता पर टिकी है। राग-द्वेष से मुक्त होकर अहिंसा की भावना से व्यक्ति एवं समाज का निर्माण करने का संदेश और नैतिकता पर आधारित व्यक्तिगत आचरण एवं समाज पूर्व के मानववाद का प्रमुख व्यवहारिक रूप रहा है। तीन दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन सांची बौद्ध विश्वविद्यालय रायसेन ने किया है।

    जो सबको धारण करे, वह धर्म है- राष्ट्रपति

    राष्ट्रपति ने कहा कि जो सबको धारण करे, वह धर्म है। मुझे गर्व है कि प्राचीनकाल से ही देश की परंपरा में धर्म को समाज व्यवस्था और राजनीतिक कार्यकलापों में केंद्र में रखा है। हमारे देश में दो हजार साल पहले धर्म महात्मा के बोध को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता था। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में धर्म-धम्म का ही प्रभाव है कि हमारा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया। राष्ट्रीय ध्वज में धर्म चक्र सुशोभित है। लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे देव वाक्य अंकित है, जो भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है, जो उन्होंने सारनाथ में दिया था। उन्होंने आदर्श राज्य की अवधारणा को रामराज्य का नाम दिया था।

    350 से अधिक देशों के विद्वानों ने लिया हिस्सा

    इस सम्मेलन में इंडोनेशिया, रूस, थाइलैंड, भूटान, नेपाल, मंगोलिया, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, मारिशस, अमेरिका, श्रीलंका, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन सहित 350 से अधिक देशों के विद्वान और पांच देशों के संस्कृति मंत्री शामिल हुए हैं। इसमें चार मुख्य सत्र, 15 समानांतर सत्र होंगे। 'नए युग में मानववाद का सिद्धांत' पर केंद्रित 115 शोध पत्र पढ़े जाएंगे।

    मानव जाति के कल्याण में विश्वास रखती है हमारी परंपरा- राज्यपाल मंगुभाई पटेल

    कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारी परंपरा मानव जाति के कल्याण में विश्वास रखती है और बढ़ावा देती है। मुझे उम्मीद है कि यह सम्मेलन युद्ध और पीड़ा से कराहते विश्व को शांति का मार्ग दिखाने में सक्षम होगा।

    मुख्यमंत्री और श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने किया संबोधित

    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्म-धम्म का पहला सिद्धांत सभी जीवों से दया और सम्मान के साथ व्यवहार करना है। सत्र को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने भी संबोधित किया।