Madhya Pradesh: मुरैना हत्याकांड में पुलिस ने की लापरवाही, शिकायतकर्ताओं से बोले- थाने में पर्याप्त फोर्स नहीं
मुरैना गांव में 10 साल पुरानी रंजिश के चलते बीते दिन 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। लेकिन इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने ...और पढ़ें

मुरैना, ऑनलाइन डेस्क। Morena murder case: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लेपा गांव में पुरानी रंजिश के चलते 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मरने वालों में तीन महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। दो परिवारों के बीच कई सालों से पुरानी रंजिश चली आ रही थी। हत्याकांड का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। इस घटना में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
सही समय पर पुलिस ने नहीं की मदद
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ गांव के लोग ने सिहोनिया पुलिस से मदद मांगते हुए लेपा गांव में चलने को कहा, लेकिन थाने पर मौजूद पुलिसकर्मी ने एक न सुनी और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि थाने में पर्याप्त फोर्स नहीं है। गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस को लोगों की जान जाने की कोई परवाह नहीं है। वह घटनास्थल पर जाने के लिए तैयार ही नहीं है।
पुलिस फोर्स कम होने से समय पर नहीं पहुंची पुलिस
दरअसल, जिस समय लेपा गांव में ताबड़तोड़ गोलियां चल रही थीं, तब गांव के लोगों ने सिहोनिया में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से मदद मांगी और पुलिस भेजने के लिए कहा था। इसलिए वह सभी पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया और कहा कि थाने में फोर्स कम है इसलिए हम अभी नहीं जा सकते हैं। वीडियो में दिखाया गया कि ग्रामीण लगातार कह रहे हैं कि हम एक घंटे से चिल्ला रहे हैं, गांव से फोन आ रहे हैं कि गोलियां चल रही हैं। ऐसे में पुलिस का खराब रवैया सामने आया। पुलिसकर्मी ने जवाब दिया कि तुम्हारे पास फोन आ रहा होगा, हमारे पास तो नहीं आया, हमें कोई सूचना नहीं। हत्या करने के बाद आरोपित भाग गए, उसके एक घंटे बाद पुलिस गांव में पहुंची।
10 साल बाद वापस गांव रहने पहुंचा एक पक्ष
पुलिस के इस रवैये से साफ पता चलता है कि यदि पुलिस समय से घटनास्थल पर पहुंच जाती तो इस सामूहिक हत्या की घटना को रोका जा सकता था। लेपा गांव में हुई हत्याएं 2013 में हुई दो हत्याओं के बदले में की गई थी। जिस पक्ष के लोगों की हत्या हुई है, इनका राजीनामा अपने स्तर पर हुआ है, पुलिस का उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं रहा। पुलिस का कहना है कि वह दोनों पक्षों के बीच सुलाह होने के समझौता होने के बाद गजेंद्र सिंह पक्ष के लोग गांव में रहने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने यह भी कहा कि 10 साल बाद गांव में वापस आने की सूचना भी थाने या पुलिस अफसर को नहीं दी गई।
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दो गिरफ्तार और सात फरार
घटना होने के एक घंटे के बाद पहुंची पुलिस ने इस हत्याकांड में आरोपित धीर सिंह व रज्जो देवी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त रज्जों अपने लड़के भूपेन्द्र को कारतूस दे रही थी। वहीं अभी इस मामल में अन्य सात आरोपित फरार हैं। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। फिलहाल गांव में पुलिस बल तैनात है।

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