भोपाल, जागरण डेस्क। माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक का मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एक मार्च से परीक्षा शुरू हुई है और हर दिन का प्रश्नपत्र आधे-एक घंटा पहले इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बता दें कि शुक्रवार को भी 10वीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर 12.57 बजे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि मंडल के अधिकारी का कहना है कि एक दिन का भी प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। परीक्षा खत्म होने के आधा या एक घंटे पहले प्रश्नपत्र वायरल होने से विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, बल्कि वे मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
मंडल के सचिव श्रीकांत बनोठ का कहना है कि प्रश्नपत्र लीक होने में क्रेंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों की संदिग्ध भूमिका है। बिना उनके प्रश्नपत्र लीक नहीं हो सकता है, क्योंकि आधा घंटा पहले प्रश्नपत्र का बंडल केंद्राध्यक्ष की निगरानी में खोला जाता है। इस पहले भी प्रश्नपत्र लीक मामले में प्रदेश के चार जिलों के 9 केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्षों निलंबित किया जा चुका है।
ये लोग हैं जिम्मेदार
जानकारी के लिए बता दें कि बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्र परीक्षा केंद्र के नजदीकी थानों में जमा किए जाते हैं। परीक्षा केंद्र की दूरी के अनुसार प्रश्न-पत्रों को परीक्षा शुरू होने के एक घंटा या डेढ़ घंटा पहले कलेक्टर प्रतिनिधि की उपस्थिति में केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष थाने से पेपर निकालकर परीक्षा केंद्र तक ले जाया जाता है, लेकिन परीक्षा के दौरान यह प्रश्न-पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो जाता है।
परीक्षा कक्ष के अंदर मोबाइल प्रतिबंधित
वहीं, मंडल के अधिकारियों का कहना है कि स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा कक्ष के अंदर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। चाहे केंद्राध्यक्ष हो या सहायक केंद्राध्यक्ष या विद्यार्थियों का मोबाइल हो लोहे की पेटी या अलमारी में परीक्षा शुरू होने के पहले बंद होना चाहिए। यह प्रशासन की कमी को भी दिखाता है कि कैसे परीक्षा कक्ष के अंदर मोबाइल भी पहुंच रहा है।
मामले को लेकर की जा रही जांच
इस मामले को लेकर मंडल के सचिव ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक मामले में 6 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जो हर रोज समिति प्रश्नपत्रों का मिलान कर रही है। वास्तविक प्रश्नपत्र से वायरल पेपर मेल नहीं खा रहे हैं। हालांकि कुछ प्रश्न मिल रहे हैं। मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। पहले चरण में 9 केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्षों को निलंबित किया गया है।

अब तक 19 शिक्षक निलंबित
मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि घोर लापरवाही बरतने के कारण 6 केंद्राध्यक्ष, 7 सहायक केंद्राध्यक्षों, 5 शिक्षकों और एक अन्य सहित 19 शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है और उनके खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। इसके साथ ही विद्यार्थियों से भी अनुरोध किया गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रश्नपत्र-लीक होने संबंधी भ्रामक जानकारियों से दूर रह कर परीक्षाओं की तैयारी करें।
कब-कब प्रश्नपत्र हुआ वायरल
1 मार्च को 10वीं का पहला हिंदी पेपर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। वहीं, 11 मार्च को 10वीं का गणित का पेपर सोशल मीडिया पर परीक्षा शुरू होने के ठीक 21 मिनट पहले वायरल हुआ था। 17 मार्च को 10वीं अंग्रेजी का पेपर परीक्षा खत्म होने के तीन मिनट पहले वायरल हुआ था।
वहीं, इस मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्रीकांत बनोठ ने बताया कि अब तक एक भी प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है। परीक्षा निरस्त नहीं की जाएगी। प्रश्नपत्र वायरल करने के लिए केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों जिम्मेदार हैं। वे प्रश्नपत्र का बंडल खोलने के बाद फोटो खींचकर वायरल कर रहे हैं। अब तक 19 शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।