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    Pachmarhi: सतपुड़ा की गोद में अनूठा हिल स्टेशन पचमढ़ी, आस्था, प्रकृति दर्शन और रोमांच संग पर्यटन का पूरा पैकेज

    By Jagran NewsEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Fri, 30 Dec 2022 02:45 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की गोद में स्थित पचमढ़ी एक अनूठा हिल स्टेशन है। यहां देवों के देव महादेव गुफा-गुफा विराजे हैं। दर्जन भर झरने और सनसेट प्वाइंट प्रकृति का दर्शन कराते हैं। साहसिक खेल भी हैं पातालकोट और गर्म पानी के कुंड भी जा सकते हैं।

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    सतपुड़ा की गोद में अनूठा हिल स्टेशन पचमढ़ी, आस्था, प्रकृति दर्शन और रोमांच संग पर्यटन का पूरा पैकेज

    प्रवीण मालवीय, भोपाल। नववर्ष आरंभ हो रहा है। उत्सवी माहौल में आप यात्रा की तैयारी कर चुके होंगे या कर रहे होंगे और किसी ऐसे स्थल की तलाश में होंगे जो पर्यटन के विभिन्न आयामों का पैकेज हो। ऐसा ही एक विकल्प है पचमढ़ी। मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच स्थित यह अनूठा हिल स्टेशन धर्म-आस्था के साथ प्रकृति के सान्निध्य में समय बिताने और साहसिक खेलों के रोमांच का अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।

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    महादेव के प्राकृतिक मंदिरों के बीच बहते झरने और नैर्सगिक दृश्य बस मन मोह लेते हैं। आप में से काफी लोग इस स्थल की यात्रा पर पहले गए भी होंगे, लेकिन शायद इस प्रकार से यहां की यात्रा का अनुभूति नहीं की होगी। यदि नववर्ष का स्वागत करने नहीं जा पा रहे हैं तो कुछ समय बाद इसे अपनी पर्यटन योजना में शामिल कर सकते हैं।

    आइए महादेव के दूसरे घर

    कैलास के बाद महादेव का दूसरा घर कही जाने वाली पचमढ़ी में एक नहीं कई ऐसी बड़ी गुफाएं हैं जिनकी विशालता पर्यटकों को चमत्कृत करती है। कुछ गुफाओं में न केवल शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट हुए हैं, बल्कि उनका अभिषेक वर्ष भर प्रकृति स्वयं करती है।

    पर्वत, घने जंगल और गुफाओं वाला यह स्थल लुभाता भी है और रोमांचित भी करता है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव से वरदान में मिली शक्ति को जब भस्मासुर ने उन पर ही प्रयोग करना चाहा तो महादेव ने पचमढ़ी की ही गुफाओं का रुख किया। कहा जाता है कि तबसे ही इन गुफाओं में शिवलिंग हैं जिनका निरंतर अभिषेक जारी है।

    पांडवों ने व्यतीत किया अज्ञातवास

    पचमढ़ी पर पुस्तक लिखने वाले सुरेश पटवा बताते हैं कि भौगोलिक दृष्टि से देखें तो यहां तीन प्रमुख पर्वत धूपगढ़, चौरागढ़ और महादेव पर्वत हैं। इन तीनों के बीच पचमढ़ी का पठार है। लोकश्रुति के अनुसार पांडवों ने यहां अज्ञातवास का कुछ समय व्यतीत किया था। इस दौरान अपने लिए पांच मढ़ियां अर्थात झोपड़ियां बनाई थीं। इस कारण इसका नाम पांचमढ़ी से अपभ्रंश होता हुआ पचमढ़ी हो गया।

    ये हैं प्रमुख धार्मिक स्थल

    • जटाशंकर : पचमढ़ी में प्रवेश करते ही सबसे पहला स्थल जटाशंकर पड़ता है। बस स्टैंड से डेढ़ किमी दूर इस गुफा तक पहुंचने के लिए दो खड़े पहाड़ों के बीच तलहटी में उतरना पड़ता है। लगभग डेढ़ किमी नीचे गुफा में पहुंचने पर पहाड़ों से रिसकर भरा हुआ स्वच्छ जल दिखता है। यहां जल के बीच कई शिवलिंग हैं। अद्भुत माहौल भक्तों को अलग ही लोक में होने का अहसास कराता है।
    • महादेव गुफा : पचमढ़ी से 15 किमी दूर विशाल महादेव गुफा स्थित है। यहां पहुंचने के पहाड़ी रास्ते में कई व्यू पाइंट, हांडी खोह और प्रियदर्शिनी सनसेट प्वाइंट यात्रा के आनंद को कई गुना बढ़ा देते हैं। करीब 50 मीटर गहरी इस गुफा में बीच में जल भरा है। गुफा के अंतिम छोर पर शिवलिंग स्थित है, जिस पर प्राकृतिक रूप से जल गिरता रहता है।
    • गुप्त महादेव : महादेव के पास दो खड़ी चट्टानों के बीच दरारनुमा बनी 40 फीट गहरी गुफा में मंदिर है। गुफा का प्रवेश और आगे का मार्ग इतना संकरा है कि एक ही व्यक्ति ही जा पाता है। ऐसे में एक समय में सात से आठ व्यक्ति अंदर जाते हैं और उनके बाहर आने पर अगले दल को प्रवेश मिलता है। गुफा अंदर जाकर चौड़ी हो जाती है जहां शिवलिंग के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है।
    • चौरागढ़ : यहां भगवान शिव का आकर्षक मंदिर है। 1,326 मीटर की ऊंचाई पर बने इस मंदिर का रास्ता कठिन है जिसके लिए 1,300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन ऊपर पहुंचने पर जो दृश्य दिखता है वह सारी थकान दूर कर देता है। चोटी पर स्थित भव्य मंदिर के चारों ओर त्रिशूल दिखते हैं। प्रभु को किया आग्रह पूरा होने पर यहां त्रिशूल अर्पित किया जाता है। कई भक्त भारी त्रिशूल लेकर ट्रेकिंग करते मिलते हैं। इस स्थान की यात्रा में आधे दिन से अधिक का समय लगता है।

    लुभाते हैं झरने

    बी फाल, रजत प्रपात, रीछ फाल और डचेस फाल प्रमुख झरने हैं जोकि वर्ष भर बहते हैं। पटवा बताते हैं कि पचमढ़ी ऐसा पर्यटन स्थल है जहां वर्षाकाल में प्रत्येक पहाड़ी से झरने फूटते हैं। मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ का सनसेट प्वाइंट भी अद्भुत है। गुलाब उद्यान का सौंदर्य भी अप्रतिम है।

    गर्म कुंड और और पातालकोट भी निकट

    पर्यटक मटकुली के नजदीक छोटी और बड़ी अनहोनी में गर्म पानी के प्राकृतिक कुंड के औषधीय जल में स्नान भी कर सकते हैं। तामिया की सुंदरता और पातालकोट घाटी के नजारों के साथ आदिवासी संस्कृति को भी महसूस कर सकते हैं। यह दोनों स्थल पचमढ़ी से 30-40 किमी की दूरी पर हैं।

    ऐसे पहुंचें व यहां ठहरें

    पचमढ़ी से नजदीकी हवाई अड्डा करीब 200 किमी दूर भोपाल में है। वहीं नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है जहां से पचमढ़ी मात्र 50 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से आने के लिए पिपरिया, नर्मदापुरम, इटारसी, भोपाल और इंदौर से नियमित बस सेवा उपलब्ध है। निजी वाहन से भी आ सकते हैं।

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