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    'मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती', सीएम मोहन यादव ने सम्मेलन में निवेशकों से कही मन की बात

    Updated: Sat, 03 May 2025 08:19 PM (IST)

    सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने छोटे से छोटे और बड़े से बड़े निवेशक के लिए सारी व्यवस्थाएं की हैं। हम सभी की मनोभावना का ख्याल रखते हुए उनकी समृद्धि और राज्य की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। देश में मध्य प्रदेश की प्रगति के लिए हम समान रूप से अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।

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    मंदसौर के सीतामऊ में आयोजित हुआ कृषि-उद्योग समागम

    डिजिटल डेस्क, भोपाल/मंदसौर। 'हम पहले गाना गाते थे। मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती...,' इसमें हीरे-मोती केवल गाने के लिए नहीं हैं, इन्हें मैदान पर लाना है। ये हमारे आपके पसीने, अच्छी योजनाओं, नई तकनीक और संकल्प शक्ति से मैदान पर आएंगे।' यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 3 मई को मंदसौर के सीतामऊ में कहीं। वे यहां आयोजित कृषि उद्योग समागम-2025 में निवेशकों-उद्यमियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे कार्यक्रमों में आमतौर पर सुनने का आनंद लेता हूं और उस पूरी बात को महसूस करता हूं। हमने प्रदेश के विकास की भावना से इस आयोजन का संकल्प लिया है।

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    सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने छोटे से छोटे और बड़े से बड़े निवेशक के लिए सारी व्यवस्थाएं की हैं। हम सभी की मनोभावना का ख्याल रखते हुए उनकी समृद्धि और राज्य की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। देश में मध्य प्रदेश की प्रगति के लिए हम समान रूप से अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर अग्रसर है। हमने भी विकास का संकल्प लिया है। हमने युवाओं के रोजगार के लिए सभी विभागों को एकीकृत रूप से देखना शुरू कर दिया है।

    लक्ष्य और काम करने का मन जरूरी

    सीएम डॉ. यादव ने कहा कि एक ही मंच पर किसान और उद्यमियों को देखकर आनंद आता है। हम पहले गाना गाते थे। मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती...,' इसमें हीरे-मोती केवल गाने के लिए नहीं हैं, इन्हें मैदान पर लाना है। ये हमारे आपके पसीने, अच्छी योजनाओं, नई तकनीक और संकल्प शक्ति से मैदान पर आएंगे। निवेशकों के लिए एक सुपर एक्सप्रेसवे की सौगात मिली है। हम निवेशकों के लिए बिजली-पानी-सड़क और शासन की व्यवस्थाओं को और बेहतर बना रहे हैं। हमारी नीतियों से ज्यादा जरूरी है कि लक्ष्य और काम करने का मन। ये दोनों तत्व मिल जाएंगे तो काम आसानी से पूरा हो जाएगा।

    खेती से रोजगार तक का क्रम बनाना होगा

    उन्होंने कहा कि विश्व कई जगह इतनी कम बारिश होती है, लेकिन फसलें ज्यादा होती हैं। क्योंकि, वो लोग नई तकनीकियों के बलबूते पर आगे बढ़ गए। हमने भी प्रति बीघा गेहूं उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। हम करीब 20 क्विंटल प्रति बीघा गेहूं कर रहे हैं। लेकिन, हमें अमेरिका को नहीं, फ्रांस को देखना है। वहां 32 से 40 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन हो रहा है। हम चाहते हैं कि किसानों की भी आय बढ़े। लेकिन, केवल फसल उत्पादन से ही काम नहीं चलेगा। फसल के प्रसंस्करण के माध्यम से खेत से फैक्ट्री और फैक्ट्री से रोजगार का क्रम बनाने की जरूरत है। इसके लिए सरकार के माध्यम से जो हो सकता है, वह किया जा रहा है। जब हमने भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तो सब मिलकर 30 लाख करोड़ का निवेश 1 साल के अंदर आ गया।