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    MP: सिवनी में एक लाख कुओं का बढ़ा जलस्तर, पढ़ें पंचायत सचिव की मेहनत कैसे लाई रंग

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 05:57 PM (IST)

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    संजय अग्रवाल, सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कई गांवों में गर्मी में जलस्तर तेजी से घट जाता है। अधिकांश कुएं, नलकूप व दूसरे जलस्रोत सूखने लगते हैं। ऐसे में धनौरा जनपद की ग्राम पंचायत देवरीटीका के सचिव केके साहू ने जल संरक्षण के कई कार्यक्रम तैयार किए। इस दौरान उन्हें कुओं को रिचार्ज करने का विचार आया। मनरेगा से लगभग 22 हजार रुपये खर्च कर उन्होंने मोक्षधाम स्थित निर्मल नीर कुआं में रिचार्ज यूनिट तैयार की।

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    इसमें पांच हजार की सामग्री और बाकी खर्च मजदूरी का आया। इसके अच्छे नतीजे सामने आए तो जिला स्तर पर प्रशंसा भी मिली। चूंकि मनरेगा में भी पुनर्भरण इकाई (कूप रिचार्ज यूनिट) शामिल है। ऐसे में प्रदेश भर में मनरेगा के तहत इस पर काम शुरू हुआ। निरंतर प्रयासों से अब तक राज्य में एक लाख कुओं का जलस्तर बढ़ाया जा चुका है। इससे सिंचाई, जलसंकट जैसी समस्याएं हल हो रही हैं।

    देवरीटीका में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण करने के लिए मनरेगा से अप्रैल माह में मोक्षधाम में प्रदेश की पहली डकवेल रिचार्ज यूनिट (कुआं पुन: भरण इकाई) का निर्माण कराया गया। 17 अप्रैल 2025 को कार्य पूर्ण होने पर तकनीकी अधिकारियों ने इसकी सराहना करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी।

    इसके बाद मप्र राज्य रोजगार गारंटी स्कीम आयुक्त ने प्रदेश के सभी कलेक्टर व अधिकारियों को डगवेल रिचार्ज यूनिट तैयार करने के निर्देश दिए। प्रारंभिक तौर पर 10 हजार 146 कुओं का चयन किया गया। गंभीरता से किए गए प्रयासों का सकारात्मक परिणाम पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है।

    ऐसे तैयार किया रिचार्ज यूनिट

    -कूप रिचार्ज पिट का निर्माण कुएं से तीन से छह मीटर की दूरी पर कराया गया है, जिसमें तीन मीटर लंबा, इतना ही चौड़ा और आठ मीटर गहरा गड्ढा खोदा गया। इसमें पत्थर व मोटी रेत की परतें हैं।
    -गड्ढे में आठ इंच का पाइप डालकर इसे कुआं से जोड़ दिया जाता है। फिर कुएं में पाइप के छोर पर एल्बो लगाकर एक फीट का पाइप नीचे की तरफ लगाया गया।

    -इससे पिट में संग्रहित पानी शुद्ध होकर पाइपलाइन से कुएं तक पहुंचता रहा है। वर्षा का पानी पिट और कुओं से जमीन के अंदर रिसने से भू-जल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
    -चारों ओर ईंट की बाउंड्री बनाकर रंगरोगन कर उसे माडल की तरह तैयार किया गया है।
    -ढलान वाले हिस्से को इस तरह तैयार किया गया है, ताकि आसपास बहने वाला पानी बर्बाद होने की बजाय शुद्ध होकर कुएं में पहुंच सके।

    अभी यह है स्थिति

    मप्र के 52 जिलों में मनरेगा से 30 जून तक एक लाख 3900 डगवेल रिचार्ज यूनिट तैयार करने का लक्ष्य है। 16 जून तक 98 हजार 641 कुओं में निर्माण पूर्ण हो चुका है। इस प्रक्रिया पर लगभग 262 करोड़ 72 लाख रुपये खर्च हुए हैं। सिवनी जिले में दो हजार 181 डकवेल रिचार्ज यूनिट का कार्य पूर्ण हो चुका है। बालाघाट में भी एक हजार 379, छिंदवाड़ा जिले में तीन हजार 989 यूनिट तैयार हो गए हैं।


    सिवनी के कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा कि जिले की ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक कुओं में बन रही कुआं पुनर्भरण इकाई (डगवेल रिचार्ज यूनिट) से भू-जल स्तर बढ़ाने में मदद मिल रही है। देवरीटीका की डगवेल यूनिट माडल के रूप में उभर कर सामने आई है। जल गंगा संवर्धन अभियान में पुराने जलस्रोतों का जीर्णोद्धार सहित जल संग्रहण की दिशा में कई कार्य कराए जा रहे हैं।

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