MP में अगले तीन साल में होंगे छह चुनाव, तैयारियों में जुटी सरकार, शुरू की मोर्चाबंदी
मध्य प्रदेश में अगले तीन वर्षों में छह चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। 2026 में सहकारिता, मंडी और जल उपभोक्ता समिति के चुनाव होंग ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में अगले तीन साल में छह चुनाव होंगे। 2026 में सहकारिता, मंडी और जल उपभोक्ता समिति के चुनाव कराने की तैयारी है। वहीं, 2027 में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव प्रस्तावित हैं। 2028 के अंत में विधानसभा के चुनाव होंगे। सरकार इसकी तैयारियों में जुट गई है।
मंत्रियों-अधिकारियों को दिए निर्देश
वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें किसानों से जुड़ी गतिविधियां होंगी और इनसे संबंधित चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय समीक्षाओं के दौरान मंत्रियों और अधिकारियों को चुनावों की तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं।
सहकारी समितियों, कषि मंडियों के चुनाव लंबित
प्रदेश की 4,523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति और 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के चुनाव 2013 में हुए थे। नियमानुसार 2018 में चुनाव होने थे लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण ये टल गए।
कांग्रेस ने कर्जमाफी योजना के कारण इन्हें स्थगित रखा और डेढ़ साल बाद जब फिर भाजपा सरकार लौटी तो किसी ना किसी बहाने से चुनाव टलते गए। इस बीच हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगीं और चुनाव कराने के निर्देश भी मिले लेकिन समितियों के पुनर्गठन और नए समिति के गठन के कारण मामला टल गया।
सरकार ने अधिनियम में संशोधन करके यह प्रविधान भी कर दिया कि विशेष परिस्थिति में चुनाव कराने संबंधी प्रविधान को शिथिल भी किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हो रहा है कि समितियों के कामकाज में ठहराव आ गया है क्योंकि प्रशासक की रुचि केवल समिति सुचारू रूप से काम करती रहे, तक ही सीमित होती है।
सूत्रों का कहना है कि भले ही समितियों के चुनाव गैर दलीय आधार पर होते हैं, लेकिन इसमें राजनीतिक दखलंदाजी पूरी तरह रहती है। कार्यकर्ताओं को इनमें अवसर भी मिलता है। समितियों के पुनर्गठन का काम भी दो-तीन माह में पूरा हो जाएगा। भारतीय किसान संघ से लेकर अन्य संगठन भी चुनाव कराने की मांग रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने तैयारी प्रारंभ कर दी है।
यही स्थिति कृषि उपज मंडी समितियों की है। इनके चुनाव भी वर्ष 2017 में होने थे लेकिन टलते गए। प्रशासक अधिकतम दो वर्ष के लिए रखे जा सकते थे, वह अवधि भी पूरी हो गई है। जल उपभोक्ताओं समितियों के भी यही हाल हैं। इनके चुनाव भी 2028-19 से नहीं हुए। इस बीच यह संशोधन भी कर दिया गया कि अब समितियों का कार्यकाल दो के स्थान पर पांच वर्ष का रहेगा।
नगरीय निकाय और पंचायतों के 2027 में चुनाव
उधर, 2027 में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव होंगे। इस बार नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाता करेंगे। सरकार ने हाल ही में नगर पालिका अधिनियम में संशोधन करके पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है।
2022 में सरकार ने पार्षदों के माध्यम से अध्यक्ष के चुनाव कराए थे। जिला और जनपद पंचायतों में अभी यही व्यवस्था है। सदस्य अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इसमें भी नगरीय निकायों की तरह व्यवस्था बनाने की मांग उठ रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में इसे लेकर विचार भी चल रहा है।
2028 में विधानसभा चुनाव
वहीं, 2028 नवंबर-दिसंबर में विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनावों को देखते हुए सभी संबंधित विभागों ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। उधर, वित्त विभाग भी तीन वर्ष की वित्तीय आवश्यकता को देखते हुए रोलिंग बजट तैयार करा रहा है यानी विभागों को अभी से आकलन करना है कि उन्हें तीन वर्ष में कितने बजट की आवश्यकता होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।