Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'टाइगर स्टेट' की शर्मसार करती हकीकत... छह वर्षों में 262 बाघों की मृत्यु, 120 के अवैध शिकार की आशंका

    By Saurabh SoniEdited By: Ravindra Soni
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:55 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में पिछले छह वर्षों में 262 बाघों की मृत्यु हुई है, जिनमें से 120 अवैध शिकार के कारण होने की आशंका है। हाल ही में इंटरपोल के वांटेड बाघ तस ...और पढ़ें

    Hero Image

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में छह वर्षों में 262 बाघों की मृत्यु हुई है। वर्ष 2020 से 2024 तक 208 बाघों की मृत्यु हुई तो अकेले वर्ष 2025 में ही 13 दिसंबर तक 54 बाघ मरे हैं। इस माह 10 से 13 दिसंबर तक पांच बाघों की मौत हो चुकी है, इनमें से संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में तीन में से दो शावक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाघों की मृत्यु ने मप्र के वन्यजीव प्रबंधन पर कई सवाल उठाए हैं। वहीं छह वर्षों में मरे 262 बाघों में से 120 की मृत्यु कारण अवैध शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। बाघों के शिकार में अंतरराष्ट्रीय तस्करों की संलिप्तता का संदेह भी जताया जा रहा है।

    हाल ही में इंटरपोल की वांटेड अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा और 10 साल से वांछित मिजोरम के कोलासिब निवासी अंतरराष्ट्रीय पेंगोलिन तस्कर लात्लेंन कुंगा की गिरफ्तारी के बाद शिकार का संदेह और बढ़ गया है। यांगचेन को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है तो वहीं लाल्लेंन को 18 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में कई अन्य जानकारी भी सामने आने की उम्मीद हैं।

    कोर एरिया में पर्यटकों के मोबाइल ले जाने पर लगाई पाबंदी

    मप्र के सभी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में मोबाइल का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुभरंजन सेन ने आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीएन गोधावर्मन बनाम भारत संघ व अन्य प्रकरण में 17 नवंबर 2025 को दिए गए आदेश के पालन में की गई है। जिसके बाद अब टाइगर रिजर्व के कोर हैबिटेट के पर्यटन क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। मोबाइल ले जाने पर पाबंदी से वन्यजीव क्षेत्र में शांति बनी रहेगी।


    वन बल प्रमुख ने लापरवाह अधिकारियों को दी चेतावनी

    मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत से नाराज वन बल प्रमुख व्हीएन अंबाडे ने लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध सीधे कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने बाघों की मौत की विभिन्न घटनाओं का जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों को बताया है। अंबाडे ने फील्ड के सभी वन अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वन एवं वन्यजीव सुरक्षा वन विभाग की प्राथमिकता है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही असहनीय होगी, अब पत्र नहीं, कड़ी कार्रवाई करेंगे।

    अंबाडे ने भी माना है कि टाइगर रिजर्व और जंगलों में बाघों की मौतें हो रही है और मैदानी अमले को पता नहीं चल रहा, यह सबसे बड़ी चूक है। मप्र में हाल ही के दिनों में रातापानी, सतपुड़ा, पेंच, कान्हा टाइगर रिजर्व, और उसके बाहर बालाघाट के कंटगी, संजय टाइगर रिजर्व उमरिया में बाघों की मौत के मामले प्रकाश में आए हैं।

    इन मौतों की बड़ी वजह सरकारी लापरवाही और निगरानी तंत्र की विफलता है। अंबाडे ने कहा कि मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व के अंदर वन्यजीवों की पूखथा व्यवस्था होने के बावजूद भी बाघ एवं अन्य वन्यजीवों की शिकार एवं हड्डियां आदि जप्त होना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रकार की घटनाओं से अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित होती है।

    मप्र में वर्षवार बाघों की मौत

    वर्ष-- मप्र-- देश

    2020--46-- 106
    2021-- 41-- 127
    2022-- 34-- 121
    2023 -- 43-- 178
    2024-- 44-- 126
    2025 -- 54-- 162 (13 दिसंबर तक)
    कुल -- 262-- 820