MP में PWD की बड़ी सर्जरी : 20 साल से जमे इंजीनियर हटेंगे, प्रमुख अभियंता को सूची बनाने के निर्देश
मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में वर्षों से जमे इंजीनियरों पर कार्रवाई की तैयारी है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच में बाधा डालने पर विभाग ने ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) में वर्षों से एक ही स्थान पर जमे इंजीनियरों पर अब कार्रवाई की तैयारी है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच के लिए किए जा रहे औचक निरीक्षणों का विरोध करने के बाद विभाग ने साफ संकेत दे दिए हैं कि बीस-बीस साल से एक जगह टिके इंजीनियरों को अब हटाया जाएगा।
इस संबंध में विभाग ने प्रमुख अभियंता केपीएस राणा को निर्देश दिए हैं कि सभी मुख्य अभियंताओं से ऐसे इंजीनियरों की पूरी सूची तैयार करवाई जाए। सूची में पदस्थापना का पूरा ब्यौरा शामिल होगा, ताकि पारदर्शिता के साथ तबादलों की व्यवस्था की जा सके।
लंबे समय से जमे इंजीनियरों पर सवाल
प्रदेश में लंबे समय से भर्ती न होने के कारण कर्मचारियों की कमी बनी हुई है, हालांकि सरकार अब भर्तियों की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और आगामी तीन वर्षों में करीब ढाई लाख पदों पर नियुक्तियां होंगी। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर यह चिंता बनी रही कि बड़ी संख्या में उपयंत्री और सहायक यंत्री दशकों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं।
कई मामलों में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि उनके बचाव में सामने आ जाते हैं। यहां तक कि 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद भी ऐसे इंजीनियरों की पदस्थापना पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
गुणवत्ता पर पड़ता है असर
विशेषज्ञों के मुताबिक एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रहने से स्थानीय स्तर पर करीबी संबंध बन जाते हैं। इसका सीधा असर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और निगरानी पर पड़ता है, जिससे आवश्यक कार्रवाई समय पर नहीं हो पाती।
यह कहते हैं नियम
अखिल भारतीय सेवा हो या राज्य सेवा, किसी भी संवर्ग में अधिकारी को तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं रखा जाता। चुनाव आयोग भी निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ऐसे अधिकारियों को सबसे पहले हटाने के निर्देश देता है, जो तीन वर्ष या उससे अधिक समय से एक स्थान पर जमे होते हैं। इसके पीछे उद्देश्य निष्पक्षता ही रहता है।

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