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    महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ में समर्पण करने वाले माओवादियों का मप्र कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, यह है वजह

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 12:34 PM (IST)

    महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के मध्य प्रदेश से संबंधों की जांच पुलिस कर रही है। आशंका है कि कुछ माओवादी मध्य प्रदेश से जुड़े हैं। पुलिस को पता चला है कि कई माओवादियों के एक से अधिक नाम हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में कमला सोड़ी भी शामिल है, जिस पर तीनों राज्यों ने इनाम घोषित किया था। गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक माओवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

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    माओवादी काडर (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के मध्य प्रदेश से संभावित संबंधों की जांच में पुलिस जुट गई है। आशंका है कि मध्य प्रदेश से जुड़े कुछ माओवादी भी इन दोनों राज्यों में जाकर आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

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    यहां सक्रिय रहे, दूसरे राज्य में समर्पण

    सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में समर्पण करने वालों में तीन ऐसे माओवादी शामिल हैं जो पूर्व में बालाघाट और मंडला जिलों में सक्रिय रह चुके थे। फिलहाल जिन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें संगठन के बड़े काडर के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।

    पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि कई माओवादियों के एक से अधिक नाम हैं और वे अलग-अलग राज्यों में भिन्न पहचान से सक्रिय रहे हैं। इसी कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि समर्पण करने वालों में कितने मध्य प्रदेश के हैं। मप्र पुलिस ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से समर्पण करने वाले सभी माओवादियों की विस्तृत जानकारी मांगी है।

    इसी बीच प्रदेश के लिए एक और बड़ी सफलता सामने आई है। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में गुरुवार को आत्मसमर्पण करने वाली महिला माओवादी कमला सोड़ी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश — तीनों राज्यों में सक्रिय रही थी। तीनों राज्यों ने उस पर कुल 17 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

    ये भी डाल चुके हथियार

    बता दें कि इससे पहले 31 अक्टूबर को मप्र के बालाघाट में 22 वर्षीय महिला माओवादी सुनीता ने आत्मसमर्पण किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ में तेलंगाना निवासी रूपेश के नेतृत्व में 210 और महाराष्ट्र में भूपति के नेतृत्व में 62 माओवादी पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देशभर से माओवादी समस्या समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। हाल के ये आत्मसमर्पण सरकार की इस दिशा में बड़ी उपलब्धि माने जा रहे हैं।