Shivraj Singh: दोपहर में खेत में चलाया ट्रैक्टर, शाम को बहनों को रोता देख खुद भी रो पड़े शिवराज सिंह
चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हल्के मूड में हैं। उन्होंने बुधवार को दोपहर में खेत में ट्रैक्टर चलाया और शाम को बहनों को रोता हुआ देखकर खुद भी रो पड़े। उन्होंने प्रतिदिन की तरह पौधारोपण भी किया। चौहान को लेकर लोगों की भावनाएं बेकाबू हैं। कार से उतरते ही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जब भावनाओं का समंदर उमड़ा तो शिवराज भी रो पड़े।
अजय जैन, विदिशा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को दोपहर में खेत में ट्रैक्टर चलाया और शाम को बहनों को रोता हुआ देखकर खुद भी रो पड़े। दरअसल, बुधवार तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। कुर्सी छोड़ने के बाद गुरुवार को वह कुछ निराले अंदाज में दिखे। हालांकि, कुछ काम रोज की तरह ही किया। प्रतिदिन की भांति वह सुबह पांच बजे उठे और एक घंटे योग और ध्यान किया।
चौहान को लेकर लोगों की भावनाएं बेकाबू
उन्होंने प्रतिदिन की तरह पौधारोपण भी किया। चौहान को लेकर लोगों की भावनाएं बेकाबू हैं। मुख्यमंत्री रहते जब वह मध्य प्रदेश में विदिशा के प्रसिद्ध बाढ़ वाले गणेश मंदिर आते थे तो चेहरे परिचित हुआ करते थे, लेकिन गुरुवार शाम जब वे पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में पहुंचे तो कई अनजान चेहरे भी वहां थे, जो बस अपने भैया और मामा से मिलने आए थे।
कार से उतरते ही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जब भावनाओं का समंदर उमड़ा तो शिवराज भी रो पड़े। बहनों की हालत तो ये थी कि वे उनसे लिपटकर रो रही थीं। ऐसे में शिवराज बहनों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देते रहे।
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लोगों से बोले शिवराज
इस दौरान कई बार वह भी भावुक हुए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उनकी जान तो बहनों और बच्चों में बसती है। मंदिर के प्रवेश द्वार तक महिलाओं के अलग-अलग समूह अपने भाई के पास पहुंचने को आतुर थे। पूरा परिसर ‘आंधी नहीं तूफान है, शिवराज सिंह चौहान है और हमारा मुख्यमंत्री हमें वापस चाहिए’ के नारों से गूंज रहा था।
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