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    MP News: IISER भोपाल ने किया आंवले के पौधे को लेकर बड़ा खुलासा, रिसर्च में सामने आई ये बड़ी बात !

    By Jagran NewsEdited By: Paras Pandey
    Updated: Thu, 21 Sep 2023 07:09 AM (IST)

    भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइआइएसईआर-भोपाल) के शोधकर्ताओं ने पहली बार आंवला फल के पौधे के ड्राफ्ट जीनोम का पता लगाया है। इससे हमें आंवले की जीनोमिक संरचना को समझनेउसकी उत्पत्ति विकास और औषधीय महत्व वाले जैव रसायन कैसे बन सकते हैं इस बारे में समझने में मदद मिलेगी। यह शोध जैविक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॅा.विनीत शर्मा के नेतृत्व में किया गया।

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    आंवले की जीनोमिक संरचना का लगाया पता (फाइल फोटो)

    भोपाल,राज्य ब्यूरो। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइआइएसईआर-भोपाल) के शोधकर्ताओं ने पहली बार आंवला फल के पौधे के ड्राफ्ट जीनोम का पता लगाया है। इससे हमें आंवले की जीनोमिक संरचना को समझने,उसकी उत्पत्ति, विकास और औषधीय महत्व वाले जैव रसायन कैसे बन सकते हैं, इस बारे में समझने में मदद मिलेगी।

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    यह शोध जैविक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॅा.विनीत शर्मा के नेतृत्व में किया गया। इसमें श्रुति महाजन, मनोहर सिंह बिष्ट और अभिषेक चक्रवर्ती द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया। 

    अभी तक आंवला की आनुवांशिक संरचना का विस्तार से अध्ययन नहीं किया गया था। शोध हाल ही में ओपन-एक्सेस जर्नल फ्रंटियर्स इन प्लांट साइंस में प्रकाशित हुआ है। डॅा. शर्मा ने पहली बार किए शोध में इस तकनीकी दृष्टिकोण के बारे में समझाते हुए कहा कि हमने इसके पौधे की पत्तियों का उपयोग करके आंवले के जीनोम और ट्रांसक्रिप्टोम सीक्वेंसिंग का विश्लेषण किया है।

    इसमें हमने उन्नत सीक्वेंसिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया है। पहली बार आंवला की ड्राफ्ट जीनोम संरचना प्राप्त करने के अलावा शोधकर्ताओं ने विटामिन सी के उत्पादन के लिए जिम्मेदार जींस की भी पहचान की है और इसकी तुलना विटामिन-सी से युक्त फल देने वाले अन्य पौधों के जींस से की है। 26 अन्य पौधों की प्रजातियों से आंवला की तुलना के बाद हमारे द्वारा इसके संपूर्ण जीनोमिक परिदृश्य का विश्लेषण किया गया।

    शोध बेहतर न्यूट्रास्यूटिकल्स, भोजन, सौंदर्य प्रसाधन और फार्मास्युटिकल उत्पादों को विकसित करने के साथ ही बागवानी और जीनोमिक अध्ययन में भी मदद करेगा। शोध में टीम ने पाया है कि आंवले की असाधारण एंटीआक्सीडेंट पावर उन जीनों के सहायक विकास से आता है जो एंटीआक्सीडेंट्स जैसे विटामिन सी और फ्लेवोनायड के उत्पादन में शामिल होते हैं।

    प्रचुर विटामिन सी संख्या और प्रत्येक पेड़ द्वारा 100 किलोग्राम तक फल पैदा करने की अद्वितीय क्षमता आंवले को विटामिन-सी युक्त फलों से बेहतर बनाती है, इसलिए यह विटामिन-सी के सिंथेटिक स्रोत से प्राकृतिक स्रोत में स्विच होने के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। सेहत के लिए यह और फायदेमंद हो सकता है।     

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