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    MP News: भाजपा ने यूपी में भी चला मध्य प्रदेश का 'बूथ प्रबंधन' मॉडल, पार्टी के गोरखपुर क्लस्टर ने अपनाई रणनीति

    मध्य प्रदेश के मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान की तरह हितानंद ने गोरखपुर के स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर कई प्रयोग किए। मध्य प्रदेश में 13 मई को चौथे और आखिरी चरण का मतदान होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के कई बड़े भाजपा नेताओं ने दूसरे राज्यों में डेरा डाला।

    By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 01 Jun 2024 11:45 PM (IST)
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    भाजपा बूथ प्रबंधन के नए-नए प्रयोगों से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता पा चुकी है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, भोपाल। बूथ प्रबंधन के नए-नए प्रयोगों से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता पा चुकी भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में भी 'बूथ प्रबंधन' मॉडल को अपनाया। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर क्लस्टर के प्रभारी रहे मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद की देखरेख में यहां क्लस्टर के अंतर्गत आने वाली पांच लोकसभा सीटों में 'वेकअप काल', महिला कंट्रोल रूम और सात दिन पहले बूथ अभिकर्ताओं के नाम चिह्नित करने जैसे काम सफलता से किए गए।

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    इस क्षेत्र में एक जून को मतदान हुआ। मध्य प्रदेश के 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान की तरह हितानंद ने गोरखपुर के स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर कई प्रयोग किए।मध्य प्रदेश में 13 मई को चौथे और आखिरी चरण का मतदान होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के कई बड़े भाजपा नेताओं ने दूसरे राज्यों में डेरा डाला। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा झारखंड में डटे रहे। प्रदेश के संगठन महामंत्री हितानंद ने गोरखपुर अंचल में रणनीतिकार की भूमिका निभाई।

    उन्होंने छोटे-बड़े सभी कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। बैठकें कीं। 'वेकअप काल' में पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारियों ने मतदान के दिन 10 कार्यकर्ताओं को फोन करके उन्हें मतदान कराने के लिए प्रेरित किया। 10 में प्रत्येक कार्यकर्ता ने 10-10 को जगाकर मतदान के लिए प्रेरित किया। दूसरा, उन्होंने बूथ अध्यक्षों की विधानसभावार बैठक की।

    बूथ प्रबंधकों से फीडबैक लेकर कमियां दूर कराईं। हर बूथ के लिए 20 सूत्रीय कार्य निर्धारित किए गए। तीसरा, मतदान के दिन पुरुष और महिला कंट्रोल रूम बनाए गए। महिला कंट्रोल रूम से पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने महिला मतदाताओं को फोन कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया।