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    MP News: मदरसों के बाद मिशनरी आश्रमों पर राष्ट्रीय बाल आयोग की निगाह, शिक्षा की आड़ में मतांतरण की आशंका

    Updated: Sun, 16 Jun 2024 11:45 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में इस्लाम की तालीम ले रहे हिंदू बच्चों की जानकारी सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त हो गया है। अब मदरसों के साथ ही मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी जुटाई जा रही है। आयोग की टीम ऐसे मिशनरी आश्रमों पर नजर रखेगी जिनकी शिकायतें आयोग को प्राप्त हुईं या जो संदेह के दायरे में हैं।

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    इस्लाम की तालीम ले रहे हिंदू बच्चों की जानकारी सामने आने के बाद बाल आयोग सख्त हो गया है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, भोपाल। मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में इस्लाम की तालीम ले रहे हिंदू बच्चों की जानकारी सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त हो गया है। अब मदरसों के साथ ही मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी जुटाई जा रही है। आयोग की टीम ऐसे मिशनरी आश्रमों पर नजर रखेगी, जिनकी शिकायतें आयोग को प्राप्त हुईं या जो संदेह के दायरे में हैं।

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    आयोग को आशंका है कि शिक्षा की आड़ में इन मिशनरी आश्रमों में बच्चों का मतांतरण तो नहीं किया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्य सरकार से ऐसे मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी मांगी है। मध्य प्रदेश में 56 आश्रम और 30 स्कूल संचालित हैं, जिनकी अब पड़ताल की जाएगी। वहीं, आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मुरैना के 68 मदरसों में 2068 हिंदू बच्चे, भिंड के 78 मदरसों में 1812 और रीवा के 111 मदरसों में 1426 हिंदू बच्चे इस्लाम की तालीम ले रहे हैं। प्रदेश भर में 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे पाए गए हैं।

    हम यह तो नहीं कहते कि मध्य प्रदेश में मदरसों या मिशनरी आश्रमों में मतांतरण का कार्य किया जाता है, क्योंकि इसके प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए प्रदेश सरकार से गंभीरता से जांच कराने पर लगातार जोर दे रहे हैं।

    - प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग