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    Madhya Pradesh: शिवराज ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आनलाइन कराने के दिए निर्देश

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:58 PM (IST)

    Madhya Pradesh शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ट्वीट कर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आफलाइन की जगह आनलाइन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षाएं अब आनलाइन आयोजित होंगी।

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    शिवराज ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आनलाइन कराने के दिए निर्देश। फाइल फोटो

    भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आफलाइन की जगह आनलाइन कराने के निर्देश दिए। छात्रों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षाएं अब आनलाइन आयोजित होंगी। शिवराज ने ट्वीट में लिखा कि विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सुविधा के लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी (आरजीपीवी) की परीक्षाओं को आफलाइन की जगह आनलाइन करवाने का निर्णय लिया है।

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    विद्यार्थी खूब मन लगाकर पढ़ाई करें और सफलता प्राप्त करें, मेरी शुभकामनाएं। कुछ दिनों पहले छात्रों ने आफलाइन परीक्षा को लेकर विरोध शुरू किया था। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति के आफिस का घेराव कर विरोध-प्रदर्शन भी किया था। छात्रों की मांग थी कि परीक्षा आफलाइन की जगह आनलाइन ही लिए जाए। अब विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सीएम शिवराज ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आफलाइन की जगह आनलाइन करवाने का फैसला किया है।

    इधर, प्रदेश में ओमिक्रोन के खतरे के बीच कोरोना वायरस टीकाकरण में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिल रही है। बिना कोरोना का टीका लगवाए ही दूसरी डोज लग जाने के मैसेज लोगों के मोबाइल पर आ रहे हैं। संबंधित लोगों का प्रमाण पत्र भी कोविन पोर्टल पर तैयार कर दिया जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस तरह के मैसेज आने की जानकारी से मना कर रहे हैं। इस संबंध में अधिकारियों का सुझाव है कि ऐसे लोगों को 1075 पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

    बता दें कि भोपाल में इसी साल अप्रैल में बच्चों को भी टीका लगाए जाने के मैसेज उनके माता-पिता के मोबाइल पर आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि 1075 काल सेंटर से लोगों को दूसरी डोज लगवाने के लिए फोन किया जाता है। कई बार सुनने और समझने में गफलत होती है। लोग बताते हैं कि उन्हें पहली डोज लगी है, जबकि कर्मचारी दूसरी डोज सुनकर उनका प्रमाण पत्र कोविन पोर्टल पर बना देते हैं।