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    MP में 1.33 लाख किसानों के खातों में पहुंची भावांतर की राशि, सीएम बोले - कांग्रेसी रोते रहेंगे, हम योजनाओं का लाभ देते रहेंगे

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 03:31 PM (IST)

    मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर योजना के तहत 1.33 लाख किसानों के खाते में 233 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार किसानों को फसलों का सही दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। दूध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा और कृषि आधारित उद्योगों का विकास किया जाएगा। भावांतर योजना का उद्देश्य किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाना है। 

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    सीएम डॉ. मोहन यादव सिंगल क्लिक से किसानों के खातों में राशि अंतरित करते हुए।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन उपज का किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के लिए लागू की गई भावांतर योजना के तहत पहला भुगतान गुरुवार को किया गया। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने देवास में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये राशि भेजी।

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    इस अवसर पर सीएम ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि किसान को फसलों का सही दाम दिलवाना सरकार का लक्ष्य है। किसानों का भला करेंगे। दूध उत्पादन को प्रोत्साहन किया जाएगा, उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आने वाला साल कृषि आधारित उद्योग के लिए जाना जाएगा। गेहूं धीरे-धीरे 2700 किया जाएगा। कांग्रेसी रोते रहेंगे... हम योजनाओं का लाभ देते रहेंगे। सीमा पर जवान, खेत पर किसान दोनों बराबर हैं।

    1500 करोड़ का कर्ज ले रहा मंडी बोर्ड

    यहां पर यह बता दें कि भावांतर योजना में आठ सौ रुपये प्रति क्विंटल राशि केंद्र सरकार से मिल रही है । बाकी राशि की व्यवस्था प्रदेश सरकार को करनी है। इसके लिए मंडी बोर्ड सरकार की गारंटी पर 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज ले रहा है। प्रदेश में खरीफ सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल सोयाबीन है। करीब 45 लाख हेक्टेयर में लाखों किसान इसकी खेती करते हैं। इस बार समर्थन मूल्य 5,328 रुपये तय है लेकिन किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण सरकार ने भावांतर योजना लागू की है।

    रोज तय किए जा रहे मॉडल रेट

    सरकार ने सोयाबीन का मॉडल रेट 4,036 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। प्रतिदिन मॉडल रेट तय किए जा रहे हैं। किसानों को मंडी में चार से साढ़े चार हजार रुपये ही मिल पा रहे हैं, क्योंकि इस बार अतिवर्षा और बाढ़ से फसल प्रभावित हुई है। उत्पादन भी कम हुआ है। भावांतर के लिए राशि की व्यवस्था फिलहाल मंडी बोर्ड कर रहा है। इसके लिए उसने 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की निविदा जारी की है।

    नौ लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन

    योजना के लिए नौ लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है और एक लाख 33 हजार किसान उपज बेच चुके हैं। इन्हें भावांतर योजना के तहत पहले चरण में लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री ने देवास में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि किसानों के खातों में अंतरित की।