छात्र घटे तो स्कूल सिमटे... MP में करीब 5 हजार सरकारी स्कूलों में ताला डलने की नौबत
मध्य प्रदेश में घटते छात्र नामांकन के कारण लगभग 5000 सरकारी स्कूल बंद होंगे। कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों के छात्रों को पास के स्कूलों में भेजा जाएगा ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में लगातार घटते छात्र/छात्रा नामांकन का असर अब सरकारी स्कूलों पर साफ दिखने लगा है। सत्र 2026-27 से प्रदेश के करीब पांच हजार सरकारी स्कूल बंद किए जाएंगे। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम है। ऐसे स्कूलों के बच्चों को एक किलोमीटर के दायरे में स्थित नजदीकी स्कूलों में भेजा जाएगा, जबकि शिक्षकों को आवश्यकता वाले दूरस्थ स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा।
यू-डाइस (UDISE) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 20 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है, जबकि 4,128 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक कार्यरत हैं। इसके अलावा 5,179 स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 10 से भी कम है। यही नहीं, पिछले साल की तुलना में इस वर्ष सरकारी स्कूलों में 3.44 लाख कम विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। हर साल नामांकन में गिरावट का सिलसिला जारी है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया था कि विद्यार्थी विहीन और 10 से कम नामांकन वाले स्कूलों को बंद किया जाएगा। इसी नीति के तहत अब इन स्कूलों के विलय की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
राजधानी भोपाल में भी चिंताजनक स्थिति
भोपाल में भी सरकारी स्कूलों की स्थिति कुछ अलग नहीं है।
- 147 स्कूलों में 10 से कम विद्यार्थी दर्ज हैं।
- 8 स्कूलों में केवल एक शिक्षक पदस्थ है।
इन स्कूलों के विद्यार्थियों को नजदीकी विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा और शिक्षकों को अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा। कुछ स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक हैं, जबकि कई जगह भारी कमी बनी हुई है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई
प्रदेश के कई जिलों में बड़ी संख्या में बच्चे ड्रॉपआउट की श्रेणी में आ चुके हैं—
धार : 32 हजार
झाबुआ व खरगोन : 24-24 हजार
छतरपुर : 23 हजार
शिवपुरी : 22 हजार
बड़वानी : 21 हजार
सिंगरौली व दमोह : 17 हजार से अधिक
इन बच्चों के नाम किसी भी स्कूल में दर्ज नहीं हैं।
प्रदेशभर की स्थिति एक नजर में
कुल सरकारी स्कूल : 89 हजार
सत्र 2024-25 में नामांकन : 79.75 लाख
सत्र 2025-26 में नामांकन : 76.31 लाख
नामांकन में कमी : 3.44 लाख
पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थी : 7.47 लाख
शून्य नामांकन वाले स्कूल : 13
1 से 10 विद्यार्थी वाले स्कूल : 5,179
घटते नामांकन ने प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि स्कूलों के विलय और संसाधनों के पुनर्वितरण से शिक्षा की गुणवत्ता में कितना सुधार हो पाता है।

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