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    सीएम मोहन यादव ने लाड़ली लक्ष्मी ड्रॉपआउट पर दिए सख्त निगरानी के निर्देश, योजनाओं के क्रियान्वयन में आएगी तेजी

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 07:41 PM (IST)

    मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए। लाड़ली लक्ष्मी योजना पर विशेष ध्यान देने और ड्रॉप ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियां बच्चों और महिलाओं के पोषण व स्वस्थ सर्वांगीण विकास और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित हैं। अतः अधिक से अधिक लोगों तक विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों का सुगमता पूर्वक लाभ पहुंचाने के लिए सुशासन की भावना के अनुसार पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए गतिविधियों का संचालन किया जाए। कार्यक्रम क्रियान्वयन के अनुवीक्षण में आईटी का अधिक से अधिक उपयोग करें।

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    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों को बच्चों और महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य के लिए स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग तथा महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के लिए कौशल उन्नयन व रोजगार की दृष्टि से तकनीकी शिक्षा तथा उद्योग विभाग से बेहतर समन्वय कर गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए गए। मंत्रालय में हुई बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों और नवाचारों का प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगामी वर्षों की कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रदेश की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। विभाग यह सुनिश्चित करे कि किसी भी चरण पर लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का ड्रॉपआउट न हो। ड्रॉपआउट होने वाली बालिकाओं पर सख़्त निगरानी रखी जाए और तुरंत कारणों का निराकरण कर उन्हें योजना में पुनः जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

    उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पारदर्शिता, समयबद्धता और लाभार्थी-केंद्रित व्यवस्था को और मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला स्तर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय कर आंगनवाड़ियों की बाउण्ड्रीवॉल बनवाने के संबंध में निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने जिलों द्वारा किए जा रहे नवाचारों की प्रभावशीलता का अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान से वैज्ञानिक आधार पर अध्ययन कराने और उनकी उपयुक्तता के आधार पर अन्य जिलों में क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।

    समीक्षा बैठक में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पीएम जनमन योजना अंतर्गत भवनों की डिज़ाइन एवं ऑनलाइन मॉनिटरिंग मॉड्यूल को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इसी योजना में प्रदेश को सर्वाधिक 704 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति मिली है, जिनमें निर्माण प्रगति देश में सर्वोच्च है। कुपोषण निवारण में झाबुआ जिले के 'मोटी आई' नवाचार को देश के सर्वोच्च सम्मान—प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों के संबंध में बताया गया कि -

    • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पूर्णत: ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू करने में मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य बना।
    • टेक होम राशन की FRS प्रक्रिया में मध्यप्रदेश प्रथम। राष्ट्रीय स्तर पर हुई सराहना।
    • स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ। प्रदेश, देश में दूसरे स्थान पर रहा।
    • भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया गया।
    • उपस्थिति के लिए 20 मीटर जियो-फेंसिंग व्यवस्था डिजिटल पारदर्शिता की मिसाल बनी।
    • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रूपए से अधिक की सहायता उपलब्ध कराई गई।
    • लाड़ली बहना योजना के तहत जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक 36 हजार 778 करोड़ रूपए का अंतरण कि किया गया।
    • 1 लाख 72 हजार महिलाओं को महिला हेल्पलाइन से सहायता प्रदान की गई। वन स्टॉप सेंटरों द्वारा 52,095 महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई।
    • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस और 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया।
    • आंगनवाड़ी केंद्रों का बड़े पैमाने पर उन्नयन करते हुए 12 हजार 670 केंद्र ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित किए गए।

    बैठक में जिलों में हुए नवाचार के अंतर्गत जानकारी दी गई कि

    • डिण्डौरी में संचालित रेवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत्‍ बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के साथ-साथ उन्हें पोषण किट और स्वच्छता किट उपलब्ध कराई जा रही है।
    • अशोकनगर में हृदय अभियान के अंतर्गत बच्चों को जनसहयोग से पोषण सामग्री वितरित की जा रही है और पोषण स्तर का निरंतर फॉलोअप किया जा रहा है।
    • देवास में किलकारी अभियान के अंतर्गत विभाग की गतिविधियों में निजी संस्थाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
    • नीमच में हमारी आंगनवाड़ी अभियान में कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने, उनकी देखभाल और नियकित हेल्थ चेकअप में पोषण मित्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
    • दतिया में मेरा बच्चा अभियान के अंतर्गत सक्षम व्यक्तियों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने और उनका फॉलोअप करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

    बैठक में आगामी 3 वर्ष की कार्ययोजना के अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार-विमर्श हुआ:

    • मध्यप्रदेश में सेंट्रल किचन से शहरी आंगनवाड़ियों में गर्म भोजन की व्यवस्था 2026 से लागू की जाएगी।
    • 2047 विज़न अनुरूप शाला पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता वृद्धि के लिए वर्कबुक और विकास कार्ड की व्यवस्था की जाएगी।
    • मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 34 लाख से अधिक बालिकाओं को छात्रवृत्ति/प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
    • आंगनवाड़ी भवन निर्माण के मेगा प्लान के अंतर्गत अगले तीन वर्षों में 9,000 नए भवन बनाए जाएंगे।
    • हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वुमन योजना के अंतर्गत जेंडर, सुरक्षा व कानूनी सहायता के संबंध में बड़े पैमाने जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
    • बेटो बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत शाला त्यागी बालिकाओं को स्कूल शिक्षा पूर्ण कराने, बालिकाओं के कौशल प्रशिक्षण, आत्मरक्षा व ड्राइविंग लायसेंस उपलब्ध कराने के लिए गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।