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Modi Cabinet 2024: शिवराज सिंह चौहान का लगातार बढ़ता कद, चार बार CM रहने के बाद मोदी सरकार में पहली बार बने मंत्री

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से चौहान भारतीय जनता युवा मोर्चा में पहुंचे और प्रदेश के संयुक्त सचिव बने। शिवराज सिंह चौहान ने पहला विधानसभा चुनाव 1990 में बुधनी से लड़ा और जीत दर्ज की। एक साल बाद ही उन्हें वर्ष 1991 में विदिशा से लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिल गया। उस समय अटल बिहारी वाजपेई विदिशा और लखनऊ दोनों सीटों से निर्वाचित हुए थे।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Sun, 09 Jun 2024 09:11 PM (IST)
Modi Cabinet 2024: शिवराज सिंह चौहान का लगातार बढ़ता कद, चार बार CM रहने के बाद मोदी सरकार में पहली बार बने मंत्री
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया है।

आईएएनएस, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं शिवराज सिंह चौहान। वे चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अब पहली बार उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला है। वे राज्य की राजनीति से बाहर निकलकर केंद्र में आ गए हैं। उन्होंने छठे नंबर पर मंत्री पद की शपथ ली। शिवराज सिंह चौहान पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और उसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जरिए राजनीति के मैदान में कदम रखा।

आपातकाल के दौरान चौहान जेल भी गए। उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव 1975 में मॉडल हाई सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर लड़ा और जीते भी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से चौहान भारतीय जनता युवा मोर्चा में पहुंचे और प्रदेश के संयुक्त सचिव बने। शिवराज सिंह चौहान ने पहला विधानसभा चुनाव 1990 में बुधनी से लड़ा और जीत दर्ज की। एक साल बाद ही उन्हें वर्ष 1991 में विदिशा से लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिल गया। उस समय अटल बिहारी वाजपेई विदिशा और लखनऊ दोनों सीटों से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने विदिशा सीट को खाली कर दिया था।

इसी संसदीय क्षेत्र से चौहान वर्ष 1996, 1998 ,1999 और 2004 में निर्वाचित हुए। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में चौहान एक बार फिर विदिशा से निर्वाचित हुए हैं। उन्हें पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में जगह मिली है।

चौहान मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। वे नवंबर 2005 से दिसंबर 2023 तक 18 महीने को छोड़कर बाकी समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पार्टी में भी कई बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दीं। वे संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे और भाजपा के सदस्यता प्रमुख भी बनाए गए।