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    Vivah Muhurat: शुक्र के उदय होते ही आज से बजने लगेगी शहनाई, 2023 में विवाह के 89 शुभ मुहूर्त

    By Jagran NewsEdited By: Babita Kashyap
    Updated: Fri, 25 Nov 2022 09:41 AM (IST)

    Vivah Muhurat 2022 and 2023 शुक्र उदय होते ही एक बार फि बैंड बाजे की गूंज सुनाई देगी। दरअसल शुक्र के अस्‍त होने के कारण विवाह नहीं हो पा रहे थे। इस बार लगन में दो हजार से ज्‍यादा शादियां होंगी। वहीं 2023 में विवाह के 89 मुहूर्त बताए हैं।

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    Vivah Muhurat: इस बार लगन में दो हजार से ज्यादा शादियों में बैंड बाजे की गूंज सुनाई देगी।

    भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। Vivah Muhurat 2022 and 2023: शहर में शादियों का शुभ मुहूर्त शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस बार लगन में दो हजार से ज्यादा शादियों में बैंड बाजे की गूंज सुनाई देगी। इसके लिए शहर और आसपास के सभी मैरिज गार्डन और होटल बुक हो चुके हैं।

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    पंडित रामजीवन दुबे ने कहा कि विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए बृहस्पति और शुक्र का उदय होना आवश्यक माना जाता है। अभी तक शुक्र अस्त होने के कारण विवाह का शुभ मुहूर्त प्रारंभ नहीं हो सका है। अब तारा शुक्र उदय हो गया है, उसके बाद 25 नवंबर (आज) से शहनाई की गूंज सुनाई देगी। इस साल नवंबर में तीन दिन और दिसंबर में छह दिन लग्न मुहूर्त होंगे।

    2023 में विवाह के 89 शुभ मुहूर्त

    इस बार कोरोना का साया लगन पर नहीं होगा। लोगों में उत्साह भी नजर आ रहा है। सीजन का पहला शुभ मुहूर्त 25 नवंबर को पड़ रहा है, ऐसे में जिले में कई शादियां होंगी। इसको लेकर वर-वधु पक्ष की ओर से लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

    वहीं मैरिज गार्डन, होटल, कम्युनिटी हॉल सज-धजकर तैयार है। मांगलिक मुहूर्त के कारण शुक्रवार, शनिवार, रविवार को शादियां होंगी। वर्ष 2023 में विवाह समारोह के लिए 89 शुभ तिथियां होंगी। सालों बाद नए साल में महाशिवरात्रि पर भी विवाह का शुभ संयोग बन रहा है।

    जानें क्‍यों गुरु व शुक्र अस्त होने पर नहीं होते शुभ कार्य

    जब तारा डूबता है तो होने का अर्थ है जब तारा अस्त हो जाए। जैसे सूरज का उगना और अस्त होना। खगोल विज्ञान के अनुसार, सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है, जो अपने स्वयं के प्रकाश से चमकता है। अन्य ग्रह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति और शुक्र को तारे के रूप में माना जाता है।

    भारतीय ज्योतिष किसी भी प्राणी को इनके अस्त होने पर शुभ कार्य करने की अनुमति नहीं होती। बृहस्पति ग्रह को समृद्धि, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है, इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं होता है। शुक्र अस्त होने पर व्यक्ति को मिलने वाले सुख-समृद्धि से वंचित रह जाते हैं। जब बृहस्पति और शुक्र ग्रह अस्त हों तो शुभ कार्य करना भी वर्जित होता है।

    विवाह मुहूर्त 2022

    नवंबर - 25, 26 और 27

    दिसंबर- 2, 3, 4, 7, 8और 15

    विवाह मुहूर्त 2023

    जनवरी- 17, 18, 19, 22, 25 से 27 ,30 31

    फरवरी - 1, 6 से 17, 22, 23

    मार्च- 5 से 14

    अप्रैल - इस माह कोई विवाह मुहूर्त नहीं

    मई - 2, 3, 4, 6, 7,8 ,11, 15, 16, 20, 21, 26, 27, 28, 29, 30

    जून - 1, 3, 4, 5, 7, 11 ,12, 13 ,16 ,17, 22, 23, 24, 25, 26, 27

    नवंबर- 23, 24, 27, 28, 29

    दिसंबर- 3, 4, 5, 6, 7, 9, 11, 13, 14, 15

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