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    Madhya Pradesh News: ग्वालियर में अब नहीं मिलेगा मैरिज सर्टिफिकेट, आर्य समाज से किया विवाह भी नहीं आएगा काम

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 05:28 PM (IST)

    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आर्य समाज मंदिर में हुए विवाह को लेकर सबसे पहले आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट से भी इसको लेकर आदेश आ गया। इस ...और पढ़ें

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    Madhya Pradesh News: ग्वालियर में अब नहीं मिलेगा मैरिज सर्टिफिकेट,

    ग्वालियर, जेएनएन। आर्य समाज से होने वाले विवाह को सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। इसी आदेश के चलते अब नगर निगम ने भी आर्य समाज मंदिर के प्रमाण पत्र पर विवाह पंजीयन बंद कर दिया है।

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    जानकारी हो कि प्रेमी युगलों को बीच संशय की स्थिति पैदा हो गई है। अब विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी, क्योंकि उनके विवाह का पंजीयन नहीं होगा। अब उनके सामने विवाह के पंजीयन का संकट खड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश के पहले नगर निगम में आर्य समाज के सर्टिफिकेट पर आसानी से पंजीयन हो रहे थे। लड़के-लड़की जब प्रेम में खुद विवाह करना चाहते थे तो घर से भागकर आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लेते थे, क्याेंकि काेर्ट मैरिज में बकायदा घर पर सूचना भेजी जाती है। जबकि आर्य समाज में इस प्रकार की काेई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्रेमी जाेड़े गुपचुप विवाह कर लेते थे , उसके बाद नगर निगम से पंजीयन मिल जाता था।

    जानकारी हो कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आर्य समाज मंदिर में हुए विवाह को लेकर सबसे पहले आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये समाज के तंत्र को खराब कर रहे हैं। इन्हें विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है। विवाह पंजीयन का अधिकार सिर्फ नगर निगम को है। नगर निगम के नोडल अधिकारी का भी कहना है कि आर्य समाज प्रमाण पत्र पर पंजीयन पर नहीं कर रहे हैं। यदि किसी को विवाह प्रमाण पत्र चाहिए तो अपने माता-पिता की गवाही कराएं। जो स्थान बताया जाएगा, उसे विवाह स्थान मानकर पंजीयन किया जा रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट से भी इसको लेकर आदेश आ गया। इस आदेश के आने के बाद नगर निगम ने भी पंजीयन बंद कर दिए है। यदि युवक युवती विवाह करने के बाद आर्य समाज मंदिर के प्रमाण पत्र पर वैवाहिक प्रमाण पत्र लेना चाहते हैं तो नगर निगम इसे नहीं दे रहा है।