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    यूपीएससी की तरह एक ही प्रतियोगी परीक्षा से चयनित होंगे सभी वर्ग के कर्मचारी-अधिकारी, दो लाख नए पद सृजित होंगे

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 06:58 PM (IST)

    मध्य प्रदेश सरकार यूपीएससी की तर्ज पर एक ही परीक्षा से सभी श्रेणी के कर्मचारियों का चयन करेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस विभाग में 20 हजार पदों और आंगनबाड़ी में भी नई भर्तियां करने की घोषणा की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 19,504 पदों पर डिजिटल तरीके से भर्ती होगी। इसके अतिरिक्त, राज्य में दो लाख नए पद भी सृजित किए जाएंगे।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भी संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की तरह एक ही परीक्षा से सभी वर्ग के कर्मचारी- अधिकारियों का चयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि यूपीएससी की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी एक परीक्षा कराई जाएगी, जिससे अलग-अलग पदों को भरने के लिए कई परीक्षाएं न कराना पड़े। पुलिस भर्ती में तेजी लाने के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड बनाया जा रहा है। पुलिस विभाग में 20 हजार पद भरे जाएंगे। भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों के 476 नए पद स्वीकृत किए गए हैं।

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    आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के 19,504 नए पदों पर पहली बार डिजिटल पद्धति से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही हैं।साथ ही नई भर्ती आरंभ कर 2 लाख नए पद भी सृजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य कर्मचारी संघ द्वारा मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में आयोजित दीपावली मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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    कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तन के लिए नए आयोग का गठन होगा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार की सफलता कर्मचारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। कर्मचारी प्रदेश के सच्चे कर्मयोगी हैं जो प्रत्येक जनकल्याणकारी योजना को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए हर कदम पर साथ खड़ी है।

    राज्य शासन ने 1 जनवरी 2005 को या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना लागू करने के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया है, इससे पेंशन की विसंगतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार सभी वर्गों का समान रूप से ध्यान रख रही है। विभिन्न कर्मचारी संवर्गों की वेतन विसंगति, ग्रेड पे, पदनाम परिवर्तन के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मिलित कर नया आयोग बनाया जाएगा।

    नई भर्ती आरंभ कर 2 लाख नए पद सृजित किए जाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने 9 साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस का निराकरण कराया है। सरकार की मंशा है कि सभी पात्र अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन हों लेकिन प्रकरण अभी कोर्ट में लंबित है। हमें विश्वास है कि प्रदेश के लगभग 4 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को जल्द ही पदोन्नति का लाभ मिलेगा।

    कर्मचारियों के हित में जल्द ही निर्णय लेगी राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में केंद्रीय कर्मचारियों के समान कर्मचारियों को भी 55 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ दिया है और एरियर का भुगतान भी 5 समान किस्तों में जून से अक्टूबर 2025 तक कर्मचारियों को किया जा चुका है। जल्द ही राज्य सरकार के दो साल पूरे होने जा रहे हैं कर्मचारियों के हित में हर संभव निर्णय लिए जाएंगे। अब तक कर्मचारियों को स्मार्ट सिटी परियोजना के 366 आवास आवंटित किए जा चुके हैं।

    नए 300 से अधिक आवास भी बनकर तैयार हैं जल्द ही इन्हें सिंगल क्लिक के माध्यम से अधिकारियों-कर्मचारियों को आवंटित किया जाएगा। मप्र में 25 वर्ष में कई बार बदल गईं भर्ती एजेंसियां- मध्य प्रदेश में पिछले 25 वर्ष में कर्मचारियों की भर्ती के लिए कई बार नई- नई एजेंसियों का गठन हो चुका है लेकिन फिर भी गड़बड़ियां नहीं रुक पाई हैं।

    कांग्रेस सरकार में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए मिनी पीएससी हुआ करती थी। इसके बाद कई वर्षों तक मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा करवाने वाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) द्वारा कराई गई। लेकिन 2013 में परीक्षा भर्ती घोटाला सामने आने के बाद इसका नाम बदलकर पीईबी यानी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया। इसके साथ ही कर्मचारी चयन मंडल के जरिए भर्ती कराई जा रही है। कई भर्ती परिक्षाओं का जिम्मा एमपीआनलाइन को भी दिया गया है।

    एक जनवरी 2026 से होगी वर्ष में एक बार परीक्षा- संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर वर्ष में केवल एक बार परीक्षा होगी और सभी श्रेणी के पदों के लिए प्रावीण्य सूची बना ली जाएगी। प्रतीक्षा सूची भी एक ही रहेगी। जनवरी, 2026 से भर्ती-चयन की यह प्रक्रिया लागू करने की तैयारी है।राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से होने वाली भर्ती परीक्षाएं अब बार-बार नहीं होंगी।

    प्रदेश में द्वितीय और कार्यपालिक तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती पीएससी के माध्यम से होती है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाएं कराता है। अभी जैसे-जैसे विभागों की ओर से पद उपलब्ध होते हैं, वैसे-वैसे दोनों एजेंसियां अपने कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं आयोजित करती हैं। नई प्रक्रिया में युवाओं को बार- बार फीस भी नहीं देना पड़ेगी।