अब टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को मिलेगी 50 फीसदी छूट, वन विभाग ने बदल दिए कई नियम; क्या होंगे फायदे?
मध्य प्रदेश के रातापानी, माधव और रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में अब पर्यटक 50% कम शुल्क पर जंगल सफारी कर सकेंगे। वन विभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह फैसला लिया है। होटल मालिक भी पर्यटकों को सफारी करा सकेंगे, लेकिन उन्हें वन विभाग को शुल्क देना होगा। टिकट बुकिंग के नियमों में भी बदलाव किया गया है। इससे पर्यटकों को सुविधा होगी, लेकिन मनमानी शुल्क वसूली की आशंका भी है।

कोर एरिया में पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी से सटे रातापानी (पद्म श्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर) टाइगर रिजर्व, माधव टाइगर रिजर्व और रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में अब 50 प्रतिशत शुल्क में पर्यटक जंगल सफारी कर सकेंगे। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग ने शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देने का प्राविधान किया है।
इन तीन नए टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे। इतना ही नहीं अब पर्यटकों को टाइगर रिजर्वों, राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों में होटल-रिसॉर्ट मालिक भी अपने वाहन से सफारी करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें पर्यटकों के प्रवेश टिकट लेने होंगे और जंगल सफारी के लिए वन विभाग द्वारा अधिकृत प्राइवेट वाहनों को निर्धारित सफारी शुल्क के 70 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान करना होगा।
70 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन मिलेंगे
साथ ही अपने सफारी वाले वाहन को गैर रोस्टर रजिस्टर में 10 हजार रुपये देकर पंजीयन कराना होगा। वन विभाग ने इसका नया प्रविधान लागू कर दिया है। नए प्रविधान में अब जंगल सफारी के लिए फील्ड डायरेक्टर के दस प्रतिशत कोटा के अलावा शेष 90 प्रतिशत प्रवेश टिकट में से 70 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन मिलेंगे, जिसमें पूरा सफारी वाहन ही बुक कराना होगा।
10 प्रतिशत प्रवेश टिकट उन लोगों लिए होगा, जो पूरा सफारी वाहन बुक न कराके सिर्फ सिंगल सीट लेना चाहते हैं और शेष 10 प्रतिशत सिंगल सीट टिकट सफारी दिवस के एक दिन पूर्व दोपहर दो बजे के बाद ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। मप्र में नौ टाइगर रिजर्व, 11 राष्ट्रीय उद्यान, 26 अभ्यारण्य और एक कंजर्वेशन रिजर्व है यह नए प्रविधान यहां लागू होंगे।
पर्यटकों से मनमानी शुल्क वसूली की बढ़ेगी संभावना
होटल व रिसार्ट मालिकों को जंगल सफारी का अधिकार देने से पर्यटकों से मनमानी शुल्क वसूली की संभावना भी बढ़ेगी। इसे रोकने के लिए वन विभाग क्या करेगा यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि इससे पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। वे होटल मालिकों की मदद से शीघ्रता से जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे।
टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य एक नजर में
- टाइगर रिजर्व (9) : कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना, संजय, वीरांगना दुर्गावती, रातापानी (पद्म श्री डा. विष्णु श्रीधर वाकणकर) और माधव टाइगर रिजर्व।
- राष्ट्रीय उद्यान (11) : बांधवगढ़, कान्हा, माधव, पन्ना, पेंच, संजय, सतपुड़ा, वनविहार, फासिल और डायनासोर और कूनो राष्ट्रीय उद्यान।
- अभयारण्य (26) : खिवनी, पेंच मोगली, राला मंडल, वीरांगना दुर्गावती, बोरी, गांधीसागर, फेन, बगदरा, संजय दुबरी, गंगऊ, घाटीगांव, कर्माझिरी, केन घड़ियाल, नरसिंहगढ़, राष्ट्रीय चंबल, नौरदेही, ओरछा, पचमढ़ी, पनपथा, रातापानी, सैलाना, सरदारपुर, सिंघोरी, सोन घड़ियाल, डा भीमराव आंबेडकर और जहांनगढ़ अभयारण्य।
- कंजर्वेशन (1) : ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व

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