Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    MP School Education: मध्य प्रदेश पहला राज्य जहां बच्चे बिना कापी-किताबों के करेंगे शिक्षा प्राप्त

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 02:01 PM (IST)

    MP School Education बच्चे खुशनुमा माहौल में गीत कविता और कहानी के माध्यम से पढ़ना सीखेंगे। पोस्टर खिलौने पजल्स आदि के माध्यम से भी बच्चों को सिखाया जाएगा। स्कूलों में प्ले ग्रुप और पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए खुशनुमा वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

    Hero Image
    MP School Education: मध्य प्रदेश पहला राज्य जहां बच्चे बिना कापी-किताबों के करेंगे शिक्षा प्राप्त

    भोपाल, जागरण ऑनलाइन डेस्क। Madhya Pradesh School Education: मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में नर्सरी से दूसरी कक्षा के बच्चे बिना कापी-किताब शिक्षा प्राप्त करेंगे। इसके तहत एनसीईआरटी ने नेशनल फ्रेमवर्क करिकुलम (एनसीएफ) तैयार कर सभी राज्यों को भेजा है। बच्चे अब खेल-खेल में अंग्रेजी वर्णमाला, गिनती-पहाड़ा, गुणा-भाग और हिंदी के स्वर व व्यंजन सीखेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खुशनुमा वातावरण बनाने का प्रयास

    मालूम हो कि बच्चे खुशनुमा माहौल में गीत, कविता और कहानी के माध्यम से पढ़ना सीखेंगे। इसके अलावा पोस्टर, खिलौने, पजल्स आदि के माध्यम से भी बच्चों को सिखाया जाएगा। स्कूलों में प्ले ग्रुप और पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए खुशनुमा वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है। एनसीएफ के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। जिस विषय या क्षेत्र में बच्चे कमजोर होंगे, उस पर ज्यादा ध्यान देकर निखारा जाएगा। इसमें बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास और चेतना पर फोकस होगा। पाठ्यक्रम में कहानी, कविता व खेल आदि को शामिल किया जा रहा है। स्कूलों में खुशनुमा वातावरण रहेगा।

    बच्चों को शिक्षा के पहले पांच साल गतिविधि आधारित पढ़ाई

    जानकारी हो कि अब स्कूल शिक्षा विभाग राज्य स्तर पर स्टेट फ्रेमवर्क करिकुलम (एससीएफ) तैयार कर सीएम राइज स्कूलों में नर्सरी से दूसरी कक्षा तक लागू करेगा। राज्य स्तर पर इसके अंतर्गत बच्चों को शिक्षा के पहले पांच साल गतिविधि आधारित पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही इनका मूल्यांकन भी परीक्षा आधारित नहीं, बल्कि गतिविधि आधारित होगा।

    प्राथमिक कक्षाओं के 300 शिक्षकों को प्रशिक्षण

    उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में केवल सीएम राइज स्कूलों में नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 की कक्षाएं शुरू की गई हैं। इसके तहत अब स्कूलों में तीन साल की उम्र से नर्सरी कक्षा में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। बच्चों के विकास की होगी मैपिंग इस व्यवस्था के तहत बच्चों के आसपास के वातावरण और विकास की लगातार मैपिंग भी होगी, ताकि उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। इसके लिए प्राथमिक कक्षाओं के 300 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    बच्चों में मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक विकास

    माध्यमिक शिक्षा मंडल उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्य शिक्षा केंद्र नर्सरी से दूसरी कक्षा के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के लिए गतिविधि आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इससे बच्चों में मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक विकास होगा।