MP Monsoon Forecast: मध्य प्रदेश में बदली मौसम ने चाल गर्मी से राहत, जानें कब आएगा मानसून
Madhya Pradesh Weather News मध्य प्रदेश में प्री-मानसून बारिश जारी है जिससे लोगों चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में जल्द ही मानसून के आने के संभावना है। राज्य के कई इलाको में सोमवार को हल्की बारिश की संभावना है।

भोपाल, जेएनएन। मानसून अरब सागर से लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी हिस्से में एक चक्रवात बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश में प्री-मानसून बारिश जारी है ऐसे में वर्तमान स्थिति को देखते हुए मध्य प्रदेश में मानसून के 16 जून की निर्धारित तिथि के चार दिन बाद 20 जून तक आने की पूरी संभावना है। वहीं राज्य के धार इलाके में रविवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 39 मिमी बारिश दर्ज की गई। राजधानी भोपाल में भी हल्की बारिश हुई। बादल छाए रहने से 18 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। राज्य के ग्वालियर में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विज्ञानी पीके साहा से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के अधिकतर जिलों में प्री-मानसून बारिश शुरू हो चुकी है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो रही है जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लोगों को चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत मिली है। हालांकि अभी भी ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में रविवार को दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि ग्वालियर में अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। साहा के अनुसार सोमवार को भोपल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर संभाग के जिलों में छिटपुट स्थानों पर बारिश की संभावना है।
क्या मानसून देरी से आ रहा है?
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने कहा कि केरल में प्रवेश करने के बाद मानसून थोड़ा आगे बढ़ा, लेकिन 30 मई के बाद मानसून अरब सागर में रुक गया था। हालांकि इस दौरान बंगाल की खाड़ी में मानसून लगातार आगे बढ़ता रहा। दूसरी ओर, 7 जून से अरब सागर से मानसून ने गति पकड़ी, जिससे बंगाल की खाड़ी में मानसून की गति कम हो गई। इसके कारण, मानसून 16 जून को मध्य प्रदेश में प्रवेश करने की अपनी निर्धारित तिथि से पिछड़ गया है। मानसून के 20 जून तक आने की संभावना है।
ये मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने कहा कि अरब सागर में बना ऊपरी हवा का चक्रवात इस समय गुजरात से कर्नाटक तक एक अपतटीय ट्रफ में बदल गया है। उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से असम तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। अफगानिस्तान के ऊपर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात भी बना हुआ है। अगले तीन दिनों में मॉनसून महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में पहुंच सकता है। नम हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में सोमवार से प्री-मानसून गतिविधियां और तेज हो सकती हैं।
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