ग्वालियर पहुंचे देश भर के किन्नर, जानें कैसे मनाते हैं अपने गुरू के निधन का शोक
Gwalior Kinnar Program ग्वालियर में एक मैरिज गार्डन में किन्नर गुरू अंगूरी देवी के निधन पर शोक मनाया जा रहा है। इस शोक में हिस्सा लेने के लिए देश भर से किन्नर ग्वालियर आए हैं। अंदर संगीत की आवाज गूंज रही है।

ग्वालियर, जेएनएन। ग्वालियर के आनंद नगर में सजा राय प्रगति मैरिज गार्डन, स्वागत द्वार के बाहर, अंदर संगीत की आवाज गूंज रही है, लेकिन यह शादी का समारोह नहीं है बल्कि किन्नर गुरु का शोक मनाया जा रहा है। दरअसल, किन्नर गुरु अंगूरी देवी के निधन के बाद आनंद नगर के राय प्रगति गार्डन में तीन दिवसीय शोक मनाया जा रहा है। इस शोक में हिस्सा लेने के लिए देश भर से किन्नर ग्वालियर आए हैं। जिसमें साधना नायक को सर्वसम्मति से नए किन्नर गुरु के रूप में चुना गया है। एक दिन यहां गुरु की मृत्यु पर शोक मनाया गया जबकि दूसरे दिन नए गुरु के चयन का जश्न मनाया गया।
शाम को राय प्रगति गार्डन बहेरापुर आनंद नगर, ग्वालियर में स्वर लहरिया गूंजने लगी थीं। जो सड़क से गुजरने वाले हर शख्स की निगाहें अपनी तरफ खींच रही थीं। हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि अंदर किस तरह का विवाह समारोह चल रहा है? क्योंकि ये पहली बार है जब अंदर नाचने की आवाजें आ रही थीं, जबकि बाहर दुकानों को सजाया गया था। आपको बता दें कि यह एक शादी का फंक्शन नहीं हो रहा है, बल्कि शोक मनाया जा रहा है। ग्वालियर लधेड़ी में रहने वाले किन्नर गुरु अंगूरी नायक का हाल ही में निधन हो गया था। उसके तीन दिन बाद आनंद नगर में शोक कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें देश का किन्नर समाज इकट्ठा हुआ है। पहले दिन शोक मनाया जाता है। जबकि दूसरे दिन साधना नायक के रूप में गुरु का चयन किया गया है।
तीन दिन तक क्या हुआ
वैसे तो शोक कार्यक्रम में समाज के लिए तीन दिन तक खाना खिलाने का कार्यक्रम होता है, लेकिन इसमें एक नए गुरु का भी चयन होता है। ऐसे में दूसरे दिन माहौल थोड़ा बदल जाता है। इसके बाद नए गुरु के चयन की खुशी भी मनाई जाती है। बुधवार की शाम मैरिज गार्डन के बाहर नाच-गाने की आवाजें आने लगीं। क्योंकि दोपहर में ही साधना नायक को नए गुरु के रूप में चुना गया था। जिसकी खुशी शाम को मनाई जा रही थी। इस शोक में हिस्सा लेने के लिए पूना, मालवा, इंदौर, हैदराबाद समेत देशभर से किन्नर आए थे। इस शोक प्रोग्राम का आयोजन 31 जनवरी से 2 फरवरी तक किया गया है।
दिसंबर माह में ग्वालियर निवासी गुरु अंगूरी बाई का निधन हो गया था, जिसके बाद यह शोक सभा बुलाई गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस बैठक में देश भर से करीब तीन सौ किन्नरों ने हिस्सा लिया। तीन दिवसीय इस सभा में पहले दिन सभी एकजुट होते हैं, दूसरे दिन प्रार्थना और फिर भोज का आयोजन किया जाता है। किन्नर समुदाय में इसे चालीसा कहा जाता है। यह मुख्य रूप से बाबी किन्नर, किरण किन्नर, साधना किन्नर और प्रिया किन्नर द्वारा आयोजित किया था। इसमें आगरा की सुनीता किन्नर, फरीदाबाद की रेखा बाई किन्नर, पानीपत की बेबी, फरीदाबाद की सीमाबाई और करनाल की संगीता किन्नर, फलोदी की विस्की बाई, गंजबा सौदा की पूजा मिश्रा, नसीराबाद की रेखा बाई समेत विभिन्न प्रांतों के किन्नरों ने हिस्सा लिया।
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