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    जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को डी-लिट की मानद उपाधि, अंग्रेजी को लेकर कह दी बड़ी बात

    डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षा समारोह में तुलसी पीठ चित्रकूट के संस्थापक जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को डी-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौसम खराब होने के कारण नहीं आ सके। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक है।

    By Jeet Kumar Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 20 Jun 2025 11:44 PM (IST)
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    जेएनएन, सागर। डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षा समारोह में तुलसी पीठ चित्रकूट के संस्थापक जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को डी-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौसम खराब होने के कारण नहीं आ सके।

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    उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हर क्षेत्र में विकास जरूरी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक है। इससे गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी को दूर किया जाएगा। हर गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सड़क की व्यवस्था होगी।

    पीओके मिलने तक विश्राम नहीं करना है


    इस मौके पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हम सभी को एक व्रत लेना है कि जब तक हमें पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर नहीं मिल जाता हम विश्राम नहीं करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर से पूरा विश्व हमारी ताकत देख चुका है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विकास का शत्रु है।

    विधायक या मंत्री बनने से पहले आदमी के पास कुछ नहीं होता, लेकिन बनने के बाद सब कुछ आ जाता है। हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसे खत्म करना जरूरी है। यदि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा तो देश सोने की चिडि़या नहीं सोने का सिंह बन जाएगा।

    अंग्रेजी पर भड़के रामभद्राचार्य


    दीक्षा समारोह में कुछ वक्ताओं द्वारा अंग्रेजी के प्रयोग पर स्वामी रामभद्राचार्य भड़क गए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में बोलने से ऐसा लगा जैसे वह लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार हिंदी को बढ़ावा दे रही है, वहीं यहां अंग्रेजी का प्रयोग देखकर दुख हुआ।