Madhya Pradesh: छह माह में 15 हजार नौकरियां देंगी इंदौर स्थित आइटी कंपनियां
Madhya Pradesh मप्र के इंदौर में इस समय 500 से ज्यादा कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें करीब 45 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। अगले छह महीने में शहर में क ...और पढ़ें

इंदौर, गजेन्द्र विश्वकर्मा। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब आइटी हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। टीसीएस और इंफोसिस जैसी नामी कंपनियों के बाद अब देश-दुनिया की अन्य कई बड़ी आइटी कंपनियां भी शहर में आ चुकी हैं। कंपनियों ने इंदौर के अलावा प्रदेश के युवाओं को नौकरियां देनी भी शुरू कर दी हैं। एक्सेंचर, परसिस्टेंट, केसालव्स और ई-पे कंपनियों के कारपोरेट आफिस शहर में खुल चुके हैं। एक्सेंचर ने हाल ही में शहर के 800 युवाओं को नौकरी दी है। परसिस्टेंट ने 1000 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। केसालव्स ने 500 लोगों के हिसाब से क्रिस्टल आइटी पार्क में जगह ले ली है।
एक्सेंचर ने दी 800 युवाओं को नौकरियां, परसिस्टेंट ने रखा 1000 का लक्ष्य
सभी कंपनियों ने जिला प्रशासन से एयरपोर्ट के पास सुपर कारिडोर पर अपने परिसर के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। कंपनियों के कारपोरेट आफिस में फिलहाल 100-100 के स्टाफ के हिसाब से जगह उपलब्ध है। कंपनियां आइटी क्षेत्र के अलावा अन्य कामों के लिए भी स्टाफ की तलाश कर रही है। बीई के अलावा एमबीए, बीकाम और बीएससी की डिग्री वालों को भी विभिन्न पदों पर नौकरियां मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के आइटी एंड इंफ्रा के जनरल मैनेजर और मध्य प्रदेश सरकार के निवेश संबंध मैनेजर द्वारकेश कुमार सराफ का कहना है कि इस समय शहर में 500 से ज्यादा कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें करीब 45 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। अगले छह महीने में शहर में कंपनियों की क्षमता बढ़ जाएगी। इससे करीब 15 हजार नई नौकरियां मिलेंगी।
20 से ज्यादा विश्वविद्यालयों और कालेजों से हुआ समझौता
टीसीएस इंदौर और इंफोसिस भी अपनी क्षमता लगातार बढ़ाती जा रही है। टीसीएस इंदौर में करीब सात हजार कर्मचारी हो चुके हैं। इंफोसिस भी नौकरियां देने के लिए लगातार प्रक्रिया कर रही है। सभी बड़ी कंपनियों ने शहर के 20 से ज्यादा विश्वविद्यालय और कालेजों से समझौता कर लिया है। इसके तहत कंपनियां कालेजों में कभी भी प्लेसमेंट प्रक्रिया करवा सकेंगी। शहर में तीन परिसर में कंपनियों को सरकार ने जगह उपलब्ध कराई है। प्लेसमेंट और ट्रेनिंग अधिकारी अतुल भरत का कहना है कि पहले युवा बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, मुंबई जैसे शहरों की कंपनियों में जाकर काम करने की इच्छा रखते थे, लेकिन अब अपने ही शहर में सभी बड़ी कंपनियां आ जाने से विद्यार्थी यहीं कार्य करना चाहते हैं। पैकेज भी उतना ही मिल रहा है, जितना बड़े शहरों में मिलता है।

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