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भारतीय सेना के काम्बेट यूनिफार्म का ठेका निरस्त, रक्षा मंत्रालय ने टीसीएल को सौंपा था वर्दी आपूर्ति का जिम्मा

MP News ठेका निरस्त करने का ठोस कारण तो अभी पूरी तरह साफ नहीं हो सका है। वर्दी बनाने का काम टीसीएल कंपनी को दिया गया था। वहीं ठेका निरस्त करने के लिए विभिन्न श्रमिक संगठनों ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 10 Nov 2022 01:26 PM (IST)Updated: Thu, 10 Nov 2022 01:26 PM (IST)
भारतीय सेना के काम्बेट यूनिफार्म का ठेका निरस्त, रक्षा मंत्रालय ने टीसीएल को सौंपा था वर्दी आपूर्ति का जिम्मा
भारतीय सेना के काम्बेट यूनिफार्म का ठेका निरस्त, रक्षा मंत्रालय ने टीसीएल को सौंपा था वर्दी आपूर्ति का जिम्मा

जबलपुर, जागरण ऑनलाइन डेस्क। रक्षा मंत्रालय ने करीब साल भर पहले भारतीय सेना को वर्दी की आपूर्ति का जिम्मा निजी कंपनी टीसीएल को सौंपा था। पर सैन्य मुख्यालय ने मंगलवार को देशभर में सेना को मिलने वाली काम्बेट यूनिफार्म का ठेका निरस्त कर दिया है। ठेका निरस्त करने का ठोस कारण तो अभी पूरी तरह साफ नहीं हो सका है पर जानकारों का मानना है कि आपूर्ति से पूर्व बाजार में सेना की वर्दी आने के मामले सामने आए थे। मालूम हो कि वर्दी बनाने का काम टीसीएल कंपनी को दिया गया था। वहीं ठेका निरस्त करने के लिए विभिन्न श्रमिक संगठनों ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था।  

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जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने करीब एक साल पहले निजी कंपनी टीसीएल को भारतीय सेना को वर्दी की आपूर्ति का जिम्मा सौंपा था। कंपनी ने काम्बेट यूनिफार्म सेना को आपूर्ति करना शुरू भी कर दिया था। जिसमें जैकेट, ट्राउजर, पर्वतारोहण के वक्त उपयोग आने वाले उपकरण और माड्यूलर ग्लब्ज जैसी वस्तुएं शामिल रहीं। वहीं, अधिकारी स्तर पर वर्दी की आपूर्ति भी शुरू हो चुकी थी।

मालूम हो कि इससे पहले आर्डनेंस फैक्ट्रियों के पास ही सेना की वर्दी बनाने का काम था। वहीं, अगस्त 2022 के अंतिम सप्ताह में यह जानकारी सामने आई थी कि काम्बेट यूनिफार्म की तरह का कपड़ा बाजारों में भी बिक्री के लिए आ गया है। इसके बाद सैन्य मुख्यालय से जबलपुर, लखनऊ, कानपुर सहित कई अन्य छावनी वाले शहरों में बाजारों की जांच पड़ताल की गई थी। बाजार में वर्दी का कपड़ा आने के बाद कपड़ा कारोबारियों को समझा दिया गया कि वे काम्बेट यूनीफार्म जैसा कपड़ा न बेचें। यह कार्रवाई जागरूकता अभियान के रूप में की गई थी।

मालूम हो कि केरल से राज्यसभा सदस्य और सीपीआई नेता बिनय विश्वम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र के माध्यम से कहा कि आर्डनेंस की चार फैक्ट्रियों में सेना की वर्दी निर्माण की जाती रही है। निजी कंपनी को ठेका दे दिए जाने से इन निर्माणियों का संतुलन गड़बड़ाने लगा है। इसलिए उन्होंने संबंधित ठेका कंपनी का टेंडर निरस्त किए जाने की मांग की थी। आठ हजार कर्मचारी इस काम में लगे रहते थे। इसी तरह से एआइडीईएफ महासचिव ने भी वर्दी का टेंडर निरस्त किए जाने की मांग की थी। इस बीच आठ नवंबर को सैन्य मुख्यालय ने वर्दी का टेंडर निरस्त कर दिया है।


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